1 कुरिन्थियों 1:21-29

1 कुरिन्थियों 1:21-29 पवित्र बाइबल (HERV)

इसलिए क्योंकि परमेश्वरीय ज्ञान के द्वारा यह संसार अपने बुद्धि बल से परमेश्वर को नहीं पहचान सका तो हम संदेश की तथाकथित मूर्खता का प्रचार करते हैं। यहूदी लोग तो चमत्कारपूर्ण संकेतों की माँग करते हैं और ग़ैर यहूदी विवेक की खोज में हैं। किन्तु हम तो बस क्रूस पर चढ़ाये गये मसीह का ही उपदेश देते हैं। एक ऐसा उपदेश जो यहूदियों के लिये विरोध का कारण है और ग़ैर यहूदियों के लिये निरी मूर्खता। किन्तु उनके लिये जिन्हें बुला लिया गया है, फिर चाहे वे यहूदी हैं या ग़ैर यहूदी, यह उपदेश मसीह है जो परमेश्वर की शक्ति है, और परमेश्वर का विवेक है। क्योंकि परमेश्वर की तथाकथित मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से कहीं अधिक विवेकपूर्ण है। और परमेश्वर की तथाकथित दुर्बलता मनुष्य की शक्ति से कहीं अधिक सक्षम है। हे भाइयो, अब तनिक सोचो कि जब परमेश्वर ने तुम्हें बुलाया था तो तुममें से बहुतेरे न तो सांसारिक दृष्टि से बुद्धिमान थे और न ही शक्तिशाली। तुममें से अनेक का सामाजिक स्तर भी कोई ऊँचा नहीं था। बल्कि परमेश्वर ने तो संसार में जो तथाकथित मूर्खतापूर्ण था, उसे चुना ताकि बुद्धिमान लोग लज्जित हों। परमेश्वर ने संसार में दुर्बलों को चुना ताकि जो शक्तिशाली हैं, वे लज्जित हों। परमेश्वर ने संसार में उन्हीं को चुना जो नीच थे, जिनसे घृणा की जाती थी और जो कुछ भी नहीं है। परमेश्वर ने इन्हें चुना ताकि संसार जिसे कुछ समझता है, उसे वह नष्ट कर सके। ताकि परमेश्वर के सामने कोई भी व्यक्ति अभिमान न कर पाये।

1 कुरिन्थियों 1:21-29 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

परमेश्‍वर की प्रज्ञ का विधान ऐसा था कि संसार अपने ज्ञान द्वारा परमेश्‍वर को नहीं पहचान सका। इसलिए परमेश्‍वर ने शुभ समाचार के प्रचार की ‘मूर्खता’ द्वारा विश्‍वासियों को बचाना चाहा। यहूदी चमत्‍कार माँगते और यूनानी ज्ञान चाहते हैं, किन्‍तु हम क्रूसित मसीह का ही प्रचार करते हैं। यह यहूदियों के विश्‍वास में बाधा है और गैर-यहूदियों के लिए ‘मूर्खता’। किन्‍तु परमेश्‍वर के चुने हुए लोगों के लिए, चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, यही मसीह परमेश्‍वर का सामर्थ्य और परमेश्‍वर की प्रज्ञ है; क्‍योंकि परमेश्‍वर की ‘मूर्खता’ मनुष्‍यों के ज्ञान से अधिक विवेकपूर्ण और परमेश्‍वर की ‘दुर्बलता’ मनुष्‍यों की शक्‍ति से अधिक शक्‍तिशाली है। भाइयो और बहिनो! इस बात पर विचार कीजिए कि बुलाये जाते समय संसार की दृष्‍टि में आप लोगों में से बहुत कम लोग ज्ञानी, शक्‍तिशाली अथवा कुलीन थे। ज्ञानियों को लज्‍जित करने के लिए परमेश्‍वर ने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में मूर्ख हैं। शक्‍तिशालियों को लज्‍जित करने के लिए उसने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में दुर्बल हैं। गण्‍य-माण्‍य लोगों का घमण्‍ड चूर करने के लिए उसने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में तुच्‍छ, नीच और नगण्‍य हैं, जिससे कोई भी निरा मनुष्‍य परमेश्‍वर के सामने गर्व न करे।

1 कुरिन्थियों 1:21-29 Hindi Holy Bible (HHBD)

क्योंकि जब परमेश्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्वर को न जाना तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा, कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करने वालों को उद्धार दे। यहूदी तो चिन्ह चाहते हैं, और यूनानी ज्ञान की खोज में हैं। परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं जो यहूदियों के निकट ठोकर का कारण, और अन्यजातियों के निकट मूर्खता है। परन्तु जो बुलाए हुए हैं क्या यहूदी, क्या यूनानी, उन के निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ, और परमेश्वर का ज्ञान है। क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है; और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है॥ हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्ड न करने पाए।

1 कुरिन्थियों 1:21-29 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

क्योंकि जब परमेश्‍वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्‍वर को न जाना, तो परमेश्‍वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्‍वास करनेवालों को उद्धार दे। यहूदी तो चिह्न चाहते हैं, और यूनानी ज्ञान की खोज में हैं, परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं, जो यहूदियों के लिये ठोकर का कारण और अन्यजातियों के लिये मूर्खता है; परन्तु जो बुलाए हुए हैं, क्या यहूदी क्या यूनानी, उनके निकट मसीह परमेश्‍वर की सामर्थ्य और परमेश्‍वर का ज्ञान है। क्योंकि परमेश्‍वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है, और परमेश्‍वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है। हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्‍वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है कि ज्ञानवानों को लज्जित करे, और परमेश्‍वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है कि बलवानों को लज्जित करे; और परमेश्‍वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन् जो हैं भी नहीं उनको भी चुन लिया कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्‍वर के सामने घमण्ड न करने पाए।

1 कुरिन्थियों 1:21-29 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

क्योंकि जब परमेश्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्वर को न जाना तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा, कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करनेवालों को उद्धार दे। यहूदी तो चिन्ह चाहते हैं, और यूनानी ज्ञान की खोज में हैं, परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं जो यहूदियों के निकट ठोकर का कारण, और अन्यजातियों के निकट मूर्खता है; परन्तु जो बुलाए हुए हैं क्या यहूदी, क्या यूनानी, उनके निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ्य, और परमेश्वर का ज्ञान है। क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है; और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है। हे भाइयों, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञानियों को लज्जित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्जित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन् जो हैं भी नहीं उनको भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के सामने घमण्ड न करने पाए।

1 कुरिन्थियों 1:21-29 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

अपने ज्ञान के अनुसार परमेश्वर ने यह असंभव बना दिया कि मानव अपने ज्ञान के द्वारा उन्हें जान सके, इसलिये परमेश्वर को यह अच्छा लगा कि मनुष्यों के अनुसार मूर्खता के इस संदेश के प्रचार का उपयोग उन सबके उद्धार के लिए करें, जो विश्वास करते हैं. यहूदी चमत्कार चिह्नों की मांग करते हैं और यूनानी ज्ञान के खोजी हैं, किंतु हम प्रचार करते हैं क्रूसित मसीह का, जो यहूदियों के लिए ठोकर का कारण हैं तथा गैर-यहूदियों के लिए मूर्खता, किंतु बुलाए हुओं, यहूदी या यूनानी दोनों ही के लिए यही मसीह परमेश्वर का सामर्थ्य तथा परमेश्वर का ज्ञान हैं. क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों की बुद्धि से कहीं अधिक बुद्धिमान, तथा परमेश्वर की दुर्बलता मनुष्यों के बल से कहीं अधिक बलवान है. प्रिय भाई बहिनो, याद करो कि जब तुम्हें बुलाया गया, उस समय अनेकों में न तो शरीर के अनुसार ज्ञान था, न ही बल और न ही कुलीनता. ज्ञानवानों को लज्जित करने के लिए परमेश्वर ने उनको चुना, जो संसार की दृष्टि में मूर्ख है तथा शक्तिशालियों को लज्जित करने के लिए उसको, जो संसार की दृष्टि में दुर्बल है. परमेश्वर ने उनको चुना, जो संसार की दृष्टि में नीचा है, तुच्छ है और जो है ही नहीं कि उसे व्यर्थ कर दें, जो महत्वपूर्ण समझी जाती है, कि कोई भी मनुष्य परमेश्वर के सामने घमंड न करे.