भजन संहिता 18:1-24

भजन संहिता 18:1-24 HERV

उसने कहा, “यहोवा मेरी शक्ति है, मैं तुझ पर अपनी करुणा दिखाऊँगा! यहोवा मेरी चट्टान, मेरा गढ़, मेरा शरणस्थल है।” मेरा परमेश्वर मेरी चट्टान है। मैं तेरी शरण मे आया हूँ। उसकी शक्ति मुझको बचाती है। यहोवा ऊँचे पहाड़ों पर मेरा शरणस्थल है। यहोवा को जो स्तुति के योग्य है, मैं पुकारुँगा और मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। मेरे शत्रुओं ने मुझे मारने का यत्न किया। मैं चारों ओर मृत्यु की रस्सियों से घिरा हूँ! मुझ को अधर्म की बाढ़ ने भयभीत कर दिया। मेरे चारों ओर पाताल की रस्सियाँ थी। और मुझ पर मृत्यु के फँदे थे। मैं घिरा हुआ था और यहोवा को सहायता के लिये पुकारा। मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा। परमेश्वर पवित्र निज मन्दिर में विराजा। उसने मेरी पुकार सुनी और सहायता की। तब पृथ्वी हिल गई और काँप उठी; और पहाड़ों की नींव कंपित हो कर हिल गई क्योंकि यहोवा अति क्रोधित हुआ था! परमेश्वर के नथनों से धुँआ निकल पड़ा। परमेश्वर के मुख से ज्वालायें फूट निकली, और उससे चिंगारियाँ छिटकी। यहोवा स्वर्ग को चीर कर नीचे उतरा! सघन काले मेघ उसके पाँव तले थे। उसने उड़ते करुब स्वर्गदूतों पर सवारी की वायु पर सवार हो वह ऊँचे उड़ चला। यहोवा ने स्वयं को अँधेरे में छिपा लिया, उसको अम्बर का चँदोबा घिरा था। वह गरजते बादलों के सघन घटा—टोप में छिपा हुआ था। परमेश्वर का तेज बादल चीर कर निकला। बरसा और बिजलियाँ कौंधी। यहोवा का उद्घोष नाद अम्बर में गूँजा! परम परमेश्वर ने निज वाणी को सुनने दिया! फिर ओले बरसे और बिजलियाँ कौंध उठी। यहोवा ने बाण छोड़े और शत्रु बिखर गये। उसके अनेक तड़ित बज्रों ने उनको पराजित किया। हे यहोवा, तूने गर्जना की और मुख से आँधी प्रवाहित की। जल पीछे हट कर दबा और समुद्र का जल अतल दिखने लगा, और धरती की नींव तक उधड़ी। यहोवा ऊपर अम्बर से नीचे उतरा और मेरी रक्षा की। मुझको मेरे कष्टों से उबार लिया। मेरे शत्रु मुझसे कहीं अधिक सशक्त थे। वे मुझसे कहीं अधिक बलशाली थे, और मुझसे बैर रखते थे। सो परमेश्वर ने मेरी रक्षा की। जब मैं विपत्ति में था, मेरे शत्रुओं ने मुझ पर प्रहार किया किन्तु तब यहोवा ने मुझ को संभाला! यहोवा को मुझसे प्रेम था, सो उसने मुझे बचाया और मुझे सुरक्षित ठौर पर ले गया। मैं अबोध हूँ, सो यहोवा मुझे बचायेगा। मैंने कुछ बुरा नहीं किया। वह मेरे लिये उत्तम चीजें करेगा। क्योंकि मैंने यहोवा की आज्ञा पालन किया! अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति मैंने कोई भी बुरा काम नहीं किया। मैं तो यहोवा के व्यवस्था विधानों को और आदेशों को हमेशा ध्यान में रखता हूँ! स्वयं को मैं उसके सामने पवित्र रखता हूँ और अबोध बना रहता हूँ। क्योंकि मैं अबोध हूँ! इसलिये मुझे मेरा पुरस्कार देगा! जैसा परमेश्वर देखता है कि मैंने कोई बुरा नहीं किया, अतःवह मेरे लिये उत्तम चीज़ें करेगा।

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