मत्ती 5:3-10

मत्ती 5:3-10 IRVHIN

“धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। “धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शान्ति पाएँगे। “धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। (भज. 37:11) “धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किए जाएँगे। “धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी। “धन्य हैं वे, जिनके मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। “धन्य हैं वे, जो मेल करवानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे। “धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।

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मत्ती 5:3-10 - “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
“धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं,
क्योंकि वे शान्ति पाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो नम्र हैं,
क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। (भज. 37:11)
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं,
क्योंकि वे तृप्त किए जाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं,
क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
“धन्य हैं वे, जिनके मन शुद्ध हैं,
क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
“धन्य हैं वे, जो मेल करवानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।मत्ती 5:3-10 - “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
“धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं,
क्योंकि वे शान्ति पाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो नम्र हैं,
क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। (भज. 37:11)
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं,
क्योंकि वे तृप्त किए जाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं,
क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
“धन्य हैं वे, जिनके मन शुद्ध हैं,
क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
“धन्य हैं वे, जो मेल करवानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।मत्ती 5:3-10 - “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
“धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं,
क्योंकि वे शान्ति पाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो नम्र हैं,
क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। (भज. 37:11)
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं,
क्योंकि वे तृप्त किए जाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं,
क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
“धन्य हैं वे, जिनके मन शुद्ध हैं,
क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
“धन्य हैं वे, जो मेल करवानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।मत्ती 5:3-10 - “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
“धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं,
क्योंकि वे शान्ति पाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो नम्र हैं,
क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। (भज. 37:11)
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं,
क्योंकि वे तृप्त किए जाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं,
क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
“धन्य हैं वे, जिनके मन शुद्ध हैं,
क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
“धन्य हैं वे, जो मेल करवानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे।
“धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण सताए जाते हैं,
क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।