भजन संहिता 84:6-7
भजन संहिता 84:6-7 HINOVBSI
वे रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं, फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है। वे बल पर बल पाते जाते हैं; उनमें से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुँह दिखाएगा।
वे रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं, फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है। वे बल पर बल पाते जाते हैं; उनमें से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुँह दिखाएगा।