भजन संहिता 24

24
महिमामय राजा
दाऊद का भजन
1पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा
ही का है,#1 कुरि 10:26
जगत और उस में निवास करनेवाले भी।
2क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर
दृढ़ करके रखी,
और महानदों के ऊपर स्थिर किया है।
3यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है?
और उसके पवित्रस्थान में कौन खड़ा हो
सकता है?
4जिसके काम#24:4 मूल में, के हाथ निर्दोष और हृदय शुद्ध है,
जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर
नहीं लगाया,
और न कपट से शपथ खाई है।#मत्ती 5:8
5वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा,
और अपने उद्धार करनेवाले परमेश्‍वर की
ओर से धर्मी ठहरेगा।
6ऐसे ही लोग उसके खोजी हैं,
वे तेरे दर्शन के खोजी याकूबवंशी हैं। (सेला)
7हे फाटको, अपने सिर ऊँचे करो#24:7 मूल में, अपने सिर उठाओ !
हे सनातन के द्वारो, ऊँचे हो जाओ#24:7 मूल में, अपने को उठाओ !
क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा।
8वह प्रतापी राजा कौन है?
परमेश्‍वर जो सामर्थी और पराक्रमी है,
परमेश्‍वर जो युद्ध में पराक्रमी है!
9हे फाटको, अपने सिर ऊँचे करो!#24:9 मूल में, अपने सिर उठाओ
हे सनातन के द्वारो, तुम भी खुल जाओ#24:9 मूल में, अपने को उठाओ !
क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा!
10वह प्रतापी राजा कौन है?
सेनाओं का यहोवा, वही प्रतापी
राजा है। (सेला)

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