यहोशू भूमिका

भूमिका
यहोशू की पुस्तक में, मूसा के उत्तराधिकारी यहोशू के नेतृत्व में कनान देश पर आक्रमण का वर्णन मिलता है। इस पुस्तक में वर्णित महत्वपूर्ण घटनाएँ ये हैं : यरदन नदी पार करना, यरीहो की पराजय, ऐ का युद्ध, तथा परमेश्‍वर और उसके लोगों के बीच बँधी वाचा का नवीनीकरण। इस पुस्तक के प्रसिद्ध भागों में से एक यह है : “आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे… परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा ही की सेवा नित करूँगा” (24:15)।
रूप–रेखा :
कनान देश पर विजय 1:1—12:24
देश का बँटवारा 13:1—21:45
क. यरदन नदी के पूर्व का भाग 13:1–33
ख. यरदन नदी के पश्‍चिम का भाग 14:1—19:51
ग. शरणनगर 20:1–9
घ. लेवियों के नगर 21:1–45
पूर्व की ओर बसे गोत्रों की अपने भाग में वापसी 22:1–34
यहोशू का अन्तिम उपदेश 23:1–16
शकेम में वाचा का नवीनीकरण 24:1–33

वर्तमान में चयनित:

यहोशू भूमिका: HINOVBSI

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