होशे 8

8
मूर्तिपूजा के लिए इस्राएल की भर्त्सना
1अपने मुँह में नरसिंगा लगा। वह उकाब के समान यहोवा के घर पर झपटेगा, क्योंकि मेरे घर के लोगों ने मेरी वाचा तोड़ी, और मेरी व्यवस्था का उल्‍लंघन किया है। 2वे मुझ से पुकारकर कहेंगे, “हे हमारे परमेश्‍वर, हम इस्राएली लोग तुझे जानते हैं।” 3परन्तु इस्राएल ने भलाई को मन से उतार दिया है; शत्रु उसके पीछे पड़ेगा।
4वे राजाओं को ठहराते रहे, परन्तु मेरी इच्छा से नहीं। वे हाकिमों को भी ठहराते रहे, परन्तु मेरे अनजाने में। उन्होंने अपना सोना–चाँदी लेकर मूरतें बना लीं जिस से वे ही नष्‍ट हो जाएँ। 5हे शोमरोन, उस ने तेरे बछड़े को मन से उतार दिया है; मेरा क्रोध उन पर भड़का है। वे निर्दोष होने में कब तक विलम्ब करेंगे? 6यह इस्राएल से हुआ है।
एक कारीगर ने उसे बनाया; वह परमेश्‍वर नहीं है। इस कारण शोमरोन का वह बछड़ा टुकड़े टुकड़े हो जाएगा।
7वे वायु बोते हैं, और वे बवण्डर लवेंगे। उनके लिये कुछ खेत रहेगा नहीं, न उनकी उपज से कुछ आटा होगा; और यदि हो भी तो परदेशी उसको खा डालेंगे। 8इस्राएल निगला गया; अब वे अन्यजातियों में ऐसे निकम्मे ठहरे जैसे तुच्छ बरतन ठहरता है। 9क्योंकि वे अश्शूर को ऐसे चले गए, जैसा जंगली गदहा झुण्ड से बिछुड़ के रहता है; एप्रैम ने यारों को मजदूरी पर रखा है। 10यद्यपि वे अन्यजातियों में से मजदूर बनाकर रखें, तौभी मैं उनको इकट्ठा करूँगा। वे हाकिमों और राजा के बोझ के कारण घटने लगेंगे।
11एप्रैम ने पाप करने को बहुत सी वेदियाँ बनाई हैं, वे ही वेदियाँ उसके पापी ठहरने का कारण भी ठहरीं। 12मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखता आया हूँ, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं। 13वे मेरे लिये बलिदान तो करते हैं, और पशु बलि भी करते हैं, परन्तु उसका फल मांस ही है; वे आप ही उसे खाते हैं; परन्तु यहोवा उनसे प्रसन्न नहीं होता। अब वह उनके अधर्म की सुधि लेकर उनके पाप का दण्ड देगा; वे मिस्र में लौट जाएँगे। 14क्योंकि इस्राएल ने अपने कर्ता को भुला कर महल बनाए, और यहूदा ने बहुत से गढ़वाले नगरों को बसाया है; परन्तु मैं उनके नगरों में आग लगाऊँगा, और उस से उनके गढ़ भस्म हो जाएँगे।

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