उत्पत्ति 37:18-24

उत्पत्ति 37:18-24 HINOVBSI

ज्योंही उन्होंने उसे दूर से आते देखा, तो उसके निकट आने के पहले ही उसे मार डालने का षड्‍यन्त्र रचा। और वे आपस में कहने लगे, “देखो, वह स्वप्न देखने वाला आ रहा है। इसलिये आओ, हम उसको घात करके किसी गड़हे में डाल दें; और यह कह देंगे कि कोई बनैला पशु उसको खा गया। फिर हम देखेंगे कि उसके स्वप्नों का क्या फल होगा।” यह सुन के रूबेन ने उसको उनके हाथ से बचाने के विचार से कहा, “हम उसको प्राण से तो न मारें।” फिर रूबेन ने उनसे कहा, “लहू मत बहाओ, उसको जंगल के इस गड़हे में डाल दो, और उस पर हाथ मत उठाओ।” वह उसको उनके हाथ से छुड़ाकर पिता के पास फिर पहुँचाना चाहता था। इसलिये ऐसा हुआ कि जब यूसुफ अपने भाइयों के पास पहुँचा तब उन्होंने उसका रंगबिरंगा अंगरखा, जिसे वह पहिने हुए था, उतार लिया; और यूसुफ को उठाकर गड़हे में डाल दिया। वह गड़हा सूखा था और उसमें कुछ जल न था।

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