याक़ूब ने भी अपना मार्ग लिया और परमेश्वर के दूत उसे आ मिले। उनको देखते ही याक़ूब ने कहा, “यह तो परमेश्वर का दल है।” इसलिये उस ने उस स्थान का नाम महनैम रखा। तब याक़ूब ने सेईर देश में, अर्थात् एदोम देश में, अपने भाई एसाव के पास अपने आगे दूत भेज दिए, और उसने उन्हें यह आज्ञा दी, “मेरे प्रभु एसाव से यों कहना : तेरा दास याक़ूब तुझ से यों कहता है कि मैं लाबान के यहाँ परदेशी होकर अब तक रहा; और मेरे पास गाय–बैल, गदहे, भेड़–बकरियाँ, और दास–दासियाँ हैं : और मैं ने अपने प्रभु के पास इसलिये संदेश भेजा है कि तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।”
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