प्रेरितों 4:32-37

प्रेरितों 4:32-37 HINOVBSI

विश्‍वास करनेवालों की मण्डली एक चित्त और एक मन की थी, यहाँ तक कि कोई भी अपनी सम्पत्ति अपनी नहीं कहता था, परन्तु सब कुछ साझे में था। प्रेरित बड़ी सामर्थ्य से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था। उनमें कोई भी दरिद्र न था; क्योंकि जिनके पास भूमि या घर थे, वे उनको बेच–बेचकर, बिकी हुई वस्तुओं का दाम लाते, और उसे प्रेरितों के पाँवों पर रखते थे; और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बाँट दिया करते थे। यूसुफ नाम साइप्रस का एक लेवी था जिसका नाम प्रेरितों ने बरनबास (अर्थात् शान्ति का पुत्र) रखा था। उसकी कुछ भूमि थी, जिसे उसने बेचा, और दाम के रुपये लाकर प्रेरितों के पाँवों पर रख दिए।

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