1 यूहन्ना 3:17-24

1 यूहन्ना 3:17-24 HINOVBSI

पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस खाना न चाहे, तो उसमें परमेश्‍वर का प्रेम कैसे बना रह सकता है? हे बालको, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। इसी से हम जानेंगे कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसके विषय में हम उसके सामने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे; क्योंकि परमेश्‍वर हमारे मन से बड़ा है, और सब कुछ जानता है। हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्‍वर के सामने हियाव होता है; और जो कुछ हम माँगते हैं, वह हमें उससे मिलता है, क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं को मानते हैं और जो उसे भाता है वही करते हैं। उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्‍वास करें, और जैसा उस ने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें। जो उसकी आज्ञाओं को मानता है, वह उसमें और वह उन में बना रहता है : और इसी से, अर्थात् उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं कि वह हम में बना रहता है।