जकर्याह 4:6-10

जकर्याह 4:6-10 HINCLBSI

तब दूत ने मुझे बताया, ‘जरूब्‍बाबेल के लिए प्रभु का यह सन्‍देश है: स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: बल से नहीं, शक्‍ति से नहीं, वरन् मेरे आत्‍मा के द्वारा। ओ महापर्वत, जरूब्‍बाबेल के सामने तू क्‍या है? तू सपाट मैदान हो जाएगा। जरूब्‍बाबेल शिखर का पत्‍थर लाएगा, और लोग यह जय-जयकार करेंगे: “प्रभु की कृपा...... प्रभु की कृपा इस पत्‍थर पर हो।” ’ इसके अतिरिक्‍त प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला: ‘जरूब्‍बाबेल ने स्‍वयं अपने हाथों से इस भवन की नींव रखी है। वह अपने हाथों से इस भवन को पूरा भी करेगा।’ तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्‍हारे पास भेजा है। कौन व्यक्‍ति छोटी बातों के दिन को तुच्‍छ समझता है? वह जरूब्‍बाबेल के हाथ में नापने के साहुल को देखकर आनन्‍दित होगा। दूत ने मुझे बताया, ‘ये सात दीपक प्रभु की आंखें हैं। वह इन आंखों से सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी की सब ओर देखता है।’

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