रूत 2:5-12

रूत 2:5-12 HINCLBSI

बोअज ने रूत को देखा तो अपने उस सेवक से पूछा, जो फसल काटनेवालों से काम करा रहा था, ‘यह किस परिवार की लड़की है?’ सेवक ने उत्तर दिया, ‘यह मोआब देश की लड़की है। यह नाओमी के साथ मोआब देश से आई है। इसने मुझसे पूछा था, “कृपाकर मुझे फसल काटनेवालों के पीछे-पीछे सिला बीनने, और पूलों के आसपास की बालें बटोरने की अनुमति दीजिए।” इसलिए यह खेत में आई, और सबेरे से अब तक निरन्‍तर काम में जुटी है। इसने क्षण भर भी आराम नहीं किया।’ बोअज ने रूत से कहा, ‘सुनो, अब तुम्‍हें दूसरे व्‍यक्‍ति के खेत में जाकर सिला बीनने की आवश्‍यकता नहीं। तुम मेरे इस खेत को छोड़कर मत जाना। तुम भी मेरी सेविकाओं के साथ रहना। जिस-जिस खेत में वे फसल काटेंगी, तुम उन पर दृष्‍टि रखना, और उनके पीछे-पीछे जाना। मैंने अपने सेवकों को आदेश दे दिया है कि वे तुम्‍हें स्‍पर्श न करें। जब तुम्‍हें प्‍यास लगेगी तब घड़ों के पास चली जाना। जो पानी सेवक घड़ों में भरेंगे, तुम उसको पीना।’ रूत ने मुँह के बल गिरकर साष्‍टांग प्रणाम किया। उसने बोअज से पूछा, ‘आपने क्‍यों मुझ पर कृपादृष्‍टि की, मुझ पर ध्‍यान दिया? मैं परदेशिनी हूँ।’ बोअज ने उसे उत्तर दिया, ‘जो व्‍यवहार तुमने अपने पति की मृत्‍यु के पश्‍चात् अपनी सास के साथ किया है, वह सब मुझे बताया गया है। मुझे मालूम हुआ है कि तुम अपने माता-पिता और मातृभूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों के साथ रहने के लिए आई हो, जिन्‍हें तुम पहले कभी जानती भी नहीं थीं प्रभु तुम्‍हारे कार्य का पुरस्‍कार तुम्‍हें दे। इस्राएलियों का प्रभु परमेश्वर, जिसकी छत्रछाया में तुम आई हो, तुम्‍हें पूर्ण प्रतिफल दे।’