भजन संहिता 98

98
परमेश्‍वर की सच्‍चाई के लिए स्‍तुतिगान
एक भजन।
1प्रभु के लिए नया गीत गाओ;
क्‍योंकि प्रभु ने अद्भुत कार्य किए हैं!
उसके दाहिने हाथ ने
उसकी पवित्र भुजा ने विजय प्राप्‍त की है।#यश 59:16
2प्रभु ने अपना उद्धार घोषित किया है,
राष्‍ट्रों के सम्‍मुख अपनी धार्मिकता प्रकट की है।
3प्रभु ने इस्राएल के घराने के प्रति
अपनी करुणा और सच्‍चाई को
स्‍मरण किया है;
पृथ्‍वी के समस्‍त सीमान्‍तों ने
हमारे परमेश्‍वर के उद्धार को देखा है।
4हे पृथ्‍वी के लोगो, प्रभु का जय-घोष करो;
उत्‍साहपूर्वक जयजयकार करो, स्‍तुति गाओ।
5सितार के साथ,
दसतार सहित गीत के मधुर लय के साथ
प्रभु की स्‍तुति गाओ!
6तुरही और नरसिंगे के स्‍वर में,
प्रभु, राजा के सम्‍मुख जयघोष करो!
7सागर और उसकी परिपूर्णता,
संसार और उसके निवासी,
उल्‍लासपूर्वक गर्जन करें।
8सरिताएं करतल ध्‍वनि करें।
पर्वत मिलकर
9प्रभु के सम्‍मुख जयजयकार करें;
क्‍योंकि वह पृथ्‍वी का न्‍याय करने को
आ रहा है;
वह धार्मिकता से संसार का,
और निष्‍पक्षता से सब जातियों का न्‍याय
करेगा।

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