जाग, ओ मेरे प्राण ! जागो, ओ वीणा और सितार! मैं प्रभात को जगा दूंगा। ओ स्वामी, मैं देश-देश में तेरी सराहना करूँगा; राष्ट्रों के मध्य मैं तेरी स्तुति गाऊंगा। तेरी करुणा स्वर्ग तक महान है; और तेरा सत्य मेघों तक। हे परमेश्वर, स्वर्ग पर अपनी महानता प्रकट कर; समस्त पृथ्वी पर तेरी महिमा व्याप्त हो!
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