भजन संहिता 27:4-9

भजन संहिता 27:4-9 HINCLBSI

मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्‍त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्‍दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा। प्रभु संकट के दिन मुझे अपने मंडप में छिपा लेगा; वह अपने शिविर के भीतर मुझे आश्रय देगा; वह मुझे चट्टान पर ऊंचा उठाएगा। अब चारों ओर के शत्रुओं की अपेक्षा मेरा मस्‍तक उन्नत होगा; मैं प्रभु के शिविर में आनन्‍द-उल्‍लास से बलि चढ़ाऊंगा। मैं गीत गाऊंगा; मैं प्रभु का स्‍तुतिगान करूँगा। प्रभु, जब मैं तुझको पुकारू तब मेरी पुकार सुन; मुझ पर कृपा कर और मुझे उत्तर दे। तूने कहा था : “तुम मेरे मुख की खोज करो।” मेरा हृदय तुझ से यह कहता है, “हे प्रभु, मैं तुझ को ही खोजता हूँ।” अपना मुख मुझ से न छिपा! क्रोध में अपने सेवक को दूर न कर। तू ही मेरा सहायक था, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर! मेरा परित्‍याग न कर; मुझको मत छोड़।