भजन संहिता 122

122
यरूशलेम की शान्‍ति के लिए प्रार्थना
यात्रा-गीत। दाऊद का।
1जब यात्रियों ने मुझसे कहा,
आओ, हम प्रभु के घर चलें,’
तब मैं आनन्‍दित हुआ!
2ओ यरूशलेम, तेरे द्वारों पर
हम खड़े हैं!
3यरूशलेम उस नगर के सदृश बना है,
जो एकता के बंधनों में बंधा है,#इफ 2:19-22
4जहां विभिन्न कुल, प्रभु के कुल,
इस्राएल की साक्षी के अनुसार,
प्रभु के नाम की सराहना के लिए जाते हैं।
5वहां न्‍याय के लिए सिंहासन,
दाऊद के वंश के सिंहासन स्‍थित हैं!#व्‍य 17:8-9; 1 रा 7:7
6यरूशलेम की शान्‍ति के लिए प्रार्थना करो;
‘ओ यरूशलेम! तुझ से प्रेम करनेवाले
फलें-फूलें!
7तेरी दीवारों के भीतर शान्‍ति,
और तेरे गढ़ों में सुरक्षा बनी रहे।’#भज 48:13
8अपने भाई-बहिनों और साथियों के लिए
मैं यह कहूंगा, ‘तुझ में शान्‍ति बनी रहे।’
9अपने प्रभु परमेश्‍वर के घर के निमित्त
मैं तेरी भलाई की खोज करूंगा।

वर्तमान में चयनित:

भजन संहिता 122: HINCLBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in