तूने आदि में पृथ्वी की नींव डाली, आकाश तेरे हाथों की कृति है। सब नष्ट हो जाएंगे, परन्तु तू अटल है; वे वस्त्र के सदृश जीर्ण हो जाएंगे। तू उनको वस्त्र की भाँति बदल देता है, अत: वे बदल जाते हैं; पर तू वैसा ही है; तेरी आयु का अन्त नहीं।
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