भजन संहिता 101

101
धार्मिक जीवन बिताने का संकल्‍प
दाऊद का। एक भजन।
1मैं करुणा और न्‍याय के गीत गाऊंगा;
हे प्रभु, तेरे लिए मैं राग बजाऊंगा।
2मैं निर्दोष आचरण पर ध्‍यान दूंगा,
प्रभु, तू मेरे पास कब आएगा?
मैं अपने घर के भीतर
शुद्ध हृदय से आचरण करूंगा;#1 रा 9:4
3मैं अधम बातों को
अपने नेत्रों के समक्ष नहीं रखूंगा।
मैं पथभ्रष्‍टों के काम से घृणा करता हूं,
मैं दुष्‍कर्म में लिप्‍त नहीं हूंगा।
4हृदय की कुटिलता मुझ से दूर रहेगी;
मैं बुराई से अनजान रहूंगा।
5जो व्यक्‍ति गुप्‍त रूप से
अपने पड़ोसी की निन्‍दा करता है,
उसको मैं नष्‍ट करूंगा;
जिसकी आखें घमण्‍ड से चढ़ी हैं
और जिसके हृदय में अहंकार है,
उसको मैं सहन नहीं करूंगा।#नीति 17:20
6मेरी कृपादृष्‍टि देश के विश्‍वासपात्रों पर होगी,
कि वे मेरे साथ निवास करें;
जो व्यक्‍ति निर्दोष मार्ग पर चलता है,
वह मेरी सेवा करेगा।
7जो व्यक्‍ति छल-कपट करता है,
वह मेरे घर के भीतर नहीं रह सकेगा;
जो झूठ बोलता है,
वह मेरे नेत्रों के समक्ष नहीं टिक सकेगा।
8प्रभु के नगर से,
सब कुकर्मियों को मिटाने के लिए
मैं सबेरे-सबेरे
देश के समस्‍त दुर्जनों को नष्‍ट करूंगा।

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