नीतिवचन 4:20-27

नीतिवचन 4:20-27 HINCLBSI

मेरे पुत्र, मेरी बातें ध्‍यान से सुन, मेरे वचनों की ओर कान दे। ये तेरी आंखों से ओझल न हों, इनको अपने हृदय में धारण कर। जो व्यक्‍ति उनको प्राप्‍त कर लेता है, उसको मानो जीवन मिल जाता है; वह सदा स्‍वस्‍थ रहता है। मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्‍योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं। अपने मुंह से कुटिल बातें मत निकालना, और न ओंठों पर धोखा-धड़ी की बातें आने देना। तेरी आंखें सामने की ओर देखें, तेरी पलकें सीधी दिशा में खुली रहें। कदम उठाने के पूर्व अपने पैरों को तौल ले! तब तेरा सारा पथ निरापद हो जाएगा। पथ में न दाहिनी ओर मुड़ना और न बाई ओर, बुरे मार्ग से अपने पैर हटा लेना।