नीतिवचन 15:13-16

नीतिवचन 15:13-16 HINCLBSI

यदि हृदय प्रसन्न है तो चेहरे पर रौनक रहती है; किन्‍तु यदि हृदय दु:खित है तो अन्‍तर-आत्‍मा भी उदास रहती है। जो मनुष्‍य समझदार है, उसका हृदय ज्ञान का प्‍यासा होता है, किन्‍तु मूर्ख मूर्खतापूर्ण बातों से अपना पेट भरता है। जो मनुष्‍य दु:खी है, उसका हर दिन दु:ख में बीतता है, किन्‍तु जिस व्यक्‍ति का हृदय प्रसन्नता से भरा रहता है, वह मानो नित्‍य भोज में सम्‍मिलित होता है। यदि मनुष्‍य प्रभु की भक्‍ति करता, और उसके पास थोड़ा ही धन है, तो उसका यह धन उस प्रचुर धन से श्रेष्‍ठ है, जिसके साथ अशान्‍ति जुड़ी है।