फिलिप्पियों 4:10-13

फिलिप्पियों 4:10-13 HINCLBSI

मुझे प्रभु में बड़ा आनन्‍द इसलिए हुआ कि मेरे प्रति आप लोगों की शुभचिंता इतने दिनों के बाद फिर पल्‍लवित हुई। इस से पहले भी आप को मेरी चिन्‍ता अवश्‍य थी, किन्‍तु उसे प्रकट करने का सुअवसर नहीं मिल रहा था। मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि मुझे किसी बात की कमी है, क्‍योंकि मैंने हर परिस्‍थिति में स्‍वावलम्‍बी होना सीख लिया है। मैं दरिद्रता तथा सम्‍पन्नता, दोनों से परिचित हूँ। चाहे परितृप्‍ति हो या भूख, समृद्धि हो या अभाव-मुझे जीवन के उतार-चढ़ाव का पूरा अनुभव है। जो मुझे बल प्रदान करता है, उसकी सहायता से मैं सब कुछ कर सकता हूँ।