परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि आपका प्रेम, ज्ञान में तथा हर प्रकार की अन्तर्दृष्टि में, उत्तरोत्तर बढ़ता जाये, जिससे जो श्रेय है, आप उसे पहचानें। इस तरह आप लोग मसीह के दिन के लिए निर्मल-चित्त तथा निर्दोष होंगे और परमेश्वर की महिमा तथा प्रशंसा के लिए उस धार्मिकता से परिपूर्ण होंगे, जो येशु मसीह के द्वारा ही फलती-फूलती है।
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