नहेम्‍याह पुस्‍तक परिचय

पुस्‍तक परिचय
प्रस्‍तुत पुस्‍तक की अधिकांश सामग्री प्रशासक नहेम्‍याह के व्यक्‍तिगत कार्य-विवरण से ली गई है। इसे हम तीन खंडों में बांट सकते हैं :
(1) फारस के सम्राट अर्तक्षत्र प्रथम (सन् 464-423 ई. पू.) ने नहेम्‍याह को यहूदा प्रदेश का प्रशासक नियुक्‍त किया। वह यरूशलेम आया और उसके नेतृत्‍व में यरूशलेम की ध्‍वस्‍त शहरपनाह का पुन:निर्माण आरम्‍भ हुआ। वह यहूदियों के सामाजिक और धार्मिक सुधार भी करता है।
(2) पुस्‍तक के दूसरे खण्‍ड में शास्‍त्री एज्रा द्वारा समाज के सम्‍मुख धर्म-व्‍यवस्‍था के पठन-पाठन एवं समाज द्वारा किये गये सामूहिक पापांगीकार का उल्‍लेख हुआ है। इस प्रसंग को संभवत: इस पुस्‍तक के अंत में (अथवा एज्रा-ग्रंथ के साथ) पढ़ना चाहिए, क्‍योंकि पुस्‍तक के वर्तमान रूप में घटनाक्रम अस्‍पष्‍ट है।
(3) तीसरे खण्‍ड में यहूदा प्रदेश के प्रशासक के पद पर किये गये नहेम्‍याह के अन्‍य कार्यों का उल्‍लेख है। सन् 433 ईसवी पूर्व में नहेम्‍याह फारस देश की राजधानी शूशनगढ़ को लौट जाता है और थोड़े समय के बाद सम्राट अर्तक्षत्र उसे पुन: प्रशासक नियुक्‍त करता है।
प्रस्‍तुत पुस्‍तक में नहेम्‍याह का एक विशेष गुण देखने को मिलता है, कि वह परमेश्‍वर पर पूर्ण हृदय से विश्‍वास करता है और सहायता हेतु बार-बार उससे प्रार्थना करता है। फिर भी वह तन-मन-धन से गरीब जनता की सेवा करता है।
विषय-वस्‍तु की रूपरेखा
प्रशासक नहेम्‍याह का प्रथम कार्यकाल 1:1−7:73
नहेम्‍याह का यरूशलेम में आगमन 1:1−2:20
यरूशलेम की शहरपनाह का पुन:निर्माण 3:1−7:73
व्‍यवस्‍था का पाठ तथा विधान की पुन: स्‍थापना 8:1−10:31
नहेम्‍याह के अन्‍य कार्य 11:1−13:31

हाइलाइट

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