इसके बाद मैंने यहूदा कुल के दो नेताओं को शहरपनाह के ऊपर भेजा, और उनके नेतृत्व में दो दलों में बड़े जुलूस निकाले, जो स्तुति गाते हुए धूमधाम से चल रहे थे। एक जुलूस शहरपनाह के ऊपर से दाहिनी ओर ‘कूड़ा-फाटक’ की ओर गया, और उसके पीछे-पीछे ये लोग गए : होशयाह, यहूदा प्रदेश के आधे शासक, अजर्याह, एज्रा, मशुल्लाम, यहूदा, बिन्यामिन, शमायाह और यिर्मयाह। जुलूस में ये पुरोहित तुरहियाँ बजा रहे थे : उनमें जकर्याह भी था। जकर्याह योनातान का पुत्र और शमायाह का पौत्र था। शमायाह का पिता मत्तन्याह और दादा मीकायाह था। मीकायाह जक्कूर का पुत्र और आसाफ का पौत्र था।
जकर्याह के भाई-बन्धु जो पुरोहित थे− शमायाह, अजरेल, मिललई, गिललई, माए, नतनेल, यहूदा और हनानी− परमेश्वर के जन दाऊद के वाद्य-यन्त्र बजा रहे थे। उनके आगे-आगे शास्त्री एज्रा चल रहा था।
जुलूस ‘झरन-द्वार’ पर पहुँचा। वहाँ से वह दाऊदपुर की सीढ़ी पर चढ़ा, जहाँ शहरपनाह का चढ़ाव था, और दाऊद-भवन के पूर्व में स्थित ‘जल-द्वार’ पर पहुँचा।
दूसरा जुलूस बाईं ओर गया। लोग भजन-कीर्तन गा रहे थे। मैं शेष आधे लोगों के साथ जुलूस के पीछे गया। जुलूस शहरपनाह के ऊपर से होकर ‘तन्दूर-बुर्ज’ से निकलता हुआ शहरपनाह के उस भाग पर पहुँचा जहाँ शहरपनाह चौड़ी है। वहाँ से जुलूस ‘एफ्रइम-द्वार’, ‘प्राचीन-द्वार’, ‘मत्स्य-द्वार’, हननेल-बुर्ज और हम्मेआ-बुर्ज से निकलते हुए ‘मेष-द्वार’ पर पहुँचा और वहाँ से ‘निरीक्षण-द्वार’ पर जाकर रुक गया।
अब स्तुतिगान करनेवाले दोनों जुलूस परमेश्वर के भवन में आकर खड़े हो गए। मैं और मेरे साथ के आधे शासक भी वहाँ थे। पुरोहित एल्याकीम, मसियाह, मिन्यामीन, मीकायाह, एल्योएनई, जकर्याह और हनन्याह तुरहियां लिए हुए वहां खड़े थे। इनके अतिरिक्त मासेयाह, शमायाह, एलआजर, उज्जी, यहोहानान, मल्कियाह, एलाम और एजेर भी थे। गायकों ने विज्रहयाह के निर्देशन में गाना आरम्भ किया।
उस समय लोगों ने बड़ी-बड़ी बलि चढ़ाई, और आनन्द मनाया; क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें बहुत आनन्द मनाने का अवसर प्रदान किया था। स्त्रियों और बच्चों ने भी आनन्द मनाया। यरूशलेम का आनन्द-स्वर दूर-दूर तक सुनाई दे रहा था।