नहेम्याह 11
11
यरूशलेम नगर का पुन: बसाया जाना
1अब तक केवल इस्राएली समाज के मुखिया यरूशलेम नगर में रहते थे। अत: शेष इस्राएलियों ने चिट्ठी डालकर यह निश्चय किया कि उनके समाज का प्रत्येक दसवां व्यक्ति पवित्र नगर#11:1 शब्दश: ‘पवित्र स्थान के नगर में’ यरूशलेम में बसेगा, और शेष नौ व्यक्ति यहूदा प्रदेश के किसी भी नगर में रह सकते हैं। 2जिन व्यक्तियों ने स्वेच्छा से यरूशलेम नगर में बसना स्वीकार किया, उनको जनता ने आशीर्वाद दिया।
3यरूशलेम में रहने वाले यहूदा प्रदेश के मुखियों के नाम इस प्रकार हैं। (यहूदा प्रदेश के अन्य नगरों में शेष इस्राएली−अर्थात् जनता, पुरोहित, उपपुरोहित, मन्दिर के सेवक और सुलेमान के राजकीय नौकर-चाकरों के वंशज अपनी-अपनी निज भूमि पर रहते थे)।#1 इत 9:2-34 4यरूशलेम में यहूदा कुल और बिन्यामिन कुल के कुछ लोग रहते थे।
यहूदा कुल के पुरुषों के नाम ये हैं : अतायाह बेन-उज्जियाह। इसकी वंशावली इस प्रकार है : इसका पिता उज्जियाह था, जो जकर्याह का पुत्र, और अमर्याह का पौत्र था। अमर्याह का पिता शपत्याह और उसका दादा महललेल था। ये सब पुरुष पेरेस के वंशज थे। 5मासेयाह बेन-बारूक। इसकी वंशावली इस प्रकार है : इसका पिता बारूक था, जो कोल्होजे का पुत्र और हजायाह का पौत्र था, हजायाह का पिता जकर्याह और उसक दादा शीलोई था। 6पेरेस के वंशज, जो यरूशलेम में रहते थे, चार सौ अड़सठ थे, और ये शूरवीर पुरुष थे।
7बिन्यामिन के पुरुषों के नाम : सल्लू बेन-मशुल्लाम। इसकी वंशावली इस प्रकार है : इसका पिता मशुल्लाम था, जो योएद का पुत्र और पदायाह का पौत्र था। पदायाह का पिता कोलायाह और उसका दादा मासेयाह था। मासेयाह का पिता इतीएल और उसका दादा यशायाह था। 8सल्लू के योद्धा#11:8 अथवा, ‘गब्बई और सल्लई’ भाइयों को मिलाकर बिन्यामिन कुल के पुरुषों की संख्या नौ सौ अट्ठाईस थी। 9इनका नायक योएल बेन-जिक्री था। उसका सहायक यहूदा बेन-हस्सनूआ था, जो नगर की देखभाल करने में उसकी सहायता करता था।
यरूशलेम में बसे हुए पुरोहितों के नाम
10पुरोहितों के नाम : यदायाह बेन-योयारीब और याकीन। 11परमेश्वर के भवन का मुख्य पुरोहित सरायाह था। सरायाह की वंशावली इस प्रकार है : सरायाह का पिता हिल्कियाह और उसका दादा मशुल्लाम था। मशुल्लाम का पिता सादोक, और सादोक का पिता मरायोत था जो अहीतूब का पुत्र था। 12मन्दिर के कार्यों में यदायाह और याकीन की सहायता करनेवाले उनके भाई-बन्धुओं की संख्या आठ सौ बाइस थी।
पुरोहित अदायाह बेन-यरोहाम। इसकी वंशावली इस प्रकार है: अदायाह यरोहाम का पुत्र, और पलल्याह का पौत्र था। पलल्याह का पिता अम्सी था, जो जकर्याह का पुत्र था। जकर्याह का पिता पशहूर था, जो मल्कियाह का पुत्र था। 13इसके साथ भाई-बन्धु थे जो अपने-अपने पितृकुल के मुखिया थे। ये मिलकर दो सौ बयालीस थे।
पुरोहित अमशई बेन-अजरेल। इसकी वंशावली इस प्रकार है : अमशई का पिता अजरेल था, और उसका दादा अहजई था। अहजई का पिता मशिल्लेमोत था, और मशिल्लेमोत का पिता इम्मेर था। 14अमशई के साथ उसके भाई-बन्धु थे जो बड़े योग्य थे।#11:14 अथवा, ‘योद्धा’ उनकी संख्या एक सौ अट्ठाईस थी। उनका अध्यक्ष जब्दीएल बेन-हग्गदोलीम था।
यरूशलेम में बसे हुए उपपुरोहितों के नाम
15लेवी कुल के उपपुरोहित : शमायाह बेन-हश्शूब। इसकी वंशावली इस प्रकार है : शमायाह का पिता हश्शूब था, और उसका दादा अज्रीकाम था। अज्रीकाम का पिता हशब्याह था, जो बुन्नी का पुत्र था।
16उपपुरोहितों के मुखियों में से शब्बतई और योजाबाद थे। ये परमेश्वर के भवन के बाहरी कामों का दायित्व सम्भालते थे।
17मत्तन्याह बेन-मीका। इसकी वंशावली इस प्रकार है। मत्तन्याह का पिता मीका और उसका दादा जब्दी था। जब्दी आसाफ का पुत्र था। मत्तन्याह भजन-कीर्तन करने वालों का अगुआ था। वह आराधना के समय भजन-कीर्तन आरम्भ करता था। उसके भाई-बन्धुओं में बकबुक्याह उसका सहायक था।
अब्दा बेन-शम्मूअ। इसकी वंशावली इस प्रकार है: अब्दा के पिता का नाम शम्मूअ, दादा का नाम गालाल और परदादा का नाम यदूतून था। 18यों पवित्र नगर में रहनेवाले उपपुरोहितों की संख्या दो सौ चौरासी थी।
मन्दिर के द्वारपाल
19द्वारपाल ये थे : अक्कूब और तल्मोन। इनके साथ इनके भाई-बन्धु भी थे, जो द्वार पर पहरा देते थे। इनकी संख्या एक सौ बहत्तर थी।
20यहूदा प्रदेश के अन्य नगरों में शेष इस्राएली जनता, पुरोहित, और उपपुरोहित अपनी-अपनी निज पैतृक भूमि पर रहते थे। 21पर मन्दिर के सेवक ओपेल टीले पर रहते थे। सीहा और गिश्पा उनके अध्यक्ष थे।
22यरूशलेम में रहनेवाले उपपुरोहितों का अध्यक्ष उज्जी था। वह बानी का पुत्र, और हशब्याह का पौत्र था। हशब्याह का पिता मत्तन्याह और दादा मीका था। उज्जी बेन-बानी आसाफ के वंशजों में से एक था, जो परमेश्वर के भवन में गायकों का सेवा-कार्य करते थे। 23उनको राजा दाऊद की ओर से एक आदेश दिया गया था कि हर दिन की आवश्यकता के अनुसार प्रत्येक गायक को क्या गाना चाहिए।
24इस्राएली कौम का प्रतिनिधि, जो फारस सम्राट के दरबार में सम्राट को उनके सम्बन्ध में सलाह-परामर्श देता था, पतहयाह बेन-मशेजबेल था। यह यहूदा कुल के जेरह के वंश का था।
नगर और गांवों में बसे हुए इस्राएली
25लोग देहातों में भी रहने लगे#11:25 शब्दश: ‘गांव और उनके खेतों में’। । यहूदा कुल के कुछ लोग किर्यतर्बा नगर और उसके गांवों में, कुछ दीबोन नगर और उसके गांवों में, कुछ यकब्सएल नगर और उसके गांवों में, रहते थे। 26फिर कुछ लोग येशुअ, मोलादा, बेल्पेलेत, 27हसर्शूआल, तथा बएर-शेबा नगर और उसके गांवों में रहते थे। 28कुछ सिकलग, तथा मकोना नगर तथा उसके गांवों में, 29एन-रिम्मोन, सोरा, यर्मूत, 30जानोह तथा अदुल्लाम नगरों और उनके गांवों में, लाकीश और उसके खेतों में, अजेका और उसके गांवों में रहते थे। इस प्रकार यहूदा कुल के लोग बएरशेबा से हिन्नोम घाटी तक डेरा डालकर बस गए थे।
31बिन्यामिन कुल के लोग गेबा नगर से लेकर मिकमश, अय्या तथा बेतएल और उसके गांवों में, 32अनातोत, नोब, अनन्याह, 33हासोर, रामाह, गित्तईम; 34हादीद, सबोईम, नबल्लत, 35लोद, ओनो, और कारीगरों की घाटी तक बस गए थे।
36यहूदा प्रदेश के उपपुरोहितों के कुछ दल बिन्यामिन कुल के भूमि-क्षेत्रों में बस गए थे।
वर्तमान में चयनित:
नहेम्याह 11: HINCLBSI
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.