मत्ती 7:1-5

मत्ती 7:1-5 HINCLBSI

“दोष नहीं लगाओ, जिससे तुम पर भी दोष न लगाया जाये; क्‍योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्‍हारे लिए भी नापा जाएगा। जब तुम्‍हें अपनी ही आँख के लट्ठे का पता नहीं, तो तुम अपने भाई-बहिन की आँख का तिनका क्‍यों देखते हो? जब तुम्‍हारी ही आँख में लट्ठा है, तो तुम अपने भाई-बहिन से कैसे कह सकते हो, ‘लाओ, मैं तुम्‍हारी आँख का तिनका निकाल दूँ?’ ओ ढोंगी! पहले अपनी ही आँख का लट्ठा निकाल। तभी तू अपने भाई-बहिन की आँख से तिनका निकालने के लिए अच्‍छी तरह देख सकेगा।

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