मत्ती 6:19-24

मत्ती 6:19-24 HINCLBSI

“पृथ्‍वी पर अपने लिये धन जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीड़े खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुरा लेते हैं। परन्‍तु स्‍वर्ग में अपने लिये धन जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। क्‍योंकि जहाँ तुम्‍हारा धन है, वहीं तुम्‍हारा मन भी लगा रहेगा। “आँख शरीर का दीपक है। यदि तुम्‍हारी आँखें अच्‍छी हैं, तो तुम्‍हारा सारा शरीर प्रकाशमान होगा; किन्‍तु यदि तुम्‍हारी आँखें खराब हो जाएँ, तो तुम्‍हारा सारा शरीर अन्‍धकारमय होगा। इसलिए यदि तुम्‍हारे भीतर की ज्‍योति ही अन्‍धकार हो, तो यह कितना घोर अन्‍धकार होगा! “कोई भी मनुष्‍य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्‍कार करेगा। तुम परमेश्‍वर और धन, दोनों की सेवा नहीं कर सकते।

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मत्ती 6:19-24 - “पृथ्‍वी पर अपने लिये धन जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीड़े खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुरा लेते हैं। परन्‍तु स्‍वर्ग में अपने लिये धन जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। क्‍योंकि जहाँ तुम्‍हारा धन है, वहीं तुम्‍हारा मन भी लगा रहेगा।

“आँख शरीर का दीपक है। यदि तुम्‍हारी आँखें अच्‍छी हैं, तो तुम्‍हारा सारा शरीर प्रकाशमान होगा; किन्‍तु यदि तुम्‍हारी आँखें खराब हो जाएँ, तो तुम्‍हारा सारा शरीर अन्‍धकारमय होगा। इसलिए यदि तुम्‍हारे भीतर की ज्‍योति ही अन्‍धकार हो, तो यह कितना घोर अन्‍धकार होगा!

“कोई भी मनुष्‍य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्‍कार करेगा। तुम परमेश्‍वर और धन, दोनों की सेवा नहीं कर सकते।मत्ती 6:19-24 - “पृथ्‍वी पर अपने लिये धन जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीड़े खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुरा लेते हैं। परन्‍तु स्‍वर्ग में अपने लिये धन जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। क्‍योंकि जहाँ तुम्‍हारा धन है, वहीं तुम्‍हारा मन भी लगा रहेगा।

“आँख शरीर का दीपक है। यदि तुम्‍हारी आँखें अच्‍छी हैं, तो तुम्‍हारा सारा शरीर प्रकाशमान होगा; किन्‍तु यदि तुम्‍हारी आँखें खराब हो जाएँ, तो तुम्‍हारा सारा शरीर अन्‍धकारमय होगा। इसलिए यदि तुम्‍हारे भीतर की ज्‍योति ही अन्‍धकार हो, तो यह कितना घोर अन्‍धकार होगा!

“कोई भी मनुष्‍य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्‍कार करेगा। तुम परमेश्‍वर और धन, दोनों की सेवा नहीं कर सकते।मत्ती 6:19-24 - “पृथ्‍वी पर अपने लिये धन जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीड़े खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुरा लेते हैं। परन्‍तु स्‍वर्ग में अपने लिये धन जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। क्‍योंकि जहाँ तुम्‍हारा धन है, वहीं तुम्‍हारा मन भी लगा रहेगा।

“आँख शरीर का दीपक है। यदि तुम्‍हारी आँखें अच्‍छी हैं, तो तुम्‍हारा सारा शरीर प्रकाशमान होगा; किन्‍तु यदि तुम्‍हारी आँखें खराब हो जाएँ, तो तुम्‍हारा सारा शरीर अन्‍धकारमय होगा। इसलिए यदि तुम्‍हारे भीतर की ज्‍योति ही अन्‍धकार हो, तो यह कितना घोर अन्‍धकार होगा!

“कोई भी मनुष्‍य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्‍कार करेगा। तुम परमेश्‍वर और धन, दोनों की सेवा नहीं कर सकते।

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