सप्ताह के प्रथम दिन, पौ फटते ही स्त्रियाँ तैयार किये हुए सुगन्धित द्रव्य ले कर कबर के पास गयीं। उन्होंने पत्थर को कबर से अलग लुढ़काया हुआ पाया, किन्तु शवकक्ष के भीतर जाने पर उन्हें प्रभु येशु का शव नहीं मिला। वे इस पर आश्चर्य कर ही रही थीं कि चमचमाते वस्त्र पहने दो पुरुष उनके पास आ कर खड़े हो गये। स्त्रियों ने भयभीत हो कर भूमि की ओर सिर झुका लिया। उन पुरुषों ने उन से कहा, “आप लोग जीवित को मृतकों में क्यों ढूँढ़ रही हैं? वह यहाँ नहीं हैं, पर वह जी उठे हैं। गलील प्रदेश में रहते समय उन्होंने आप लोगों से जो कहा था, वह याद कीजिए। उन्होंने यह कहा था कि मानव-पुत्र का पापियों के हाथ सौंपा जाना, क्रूस पर चढ़ाया जाना और तीसरे दिन जी उठना अनिवार्य है।” तब स्त्रियों को येशु का यह कथन स्मरण हुआ और वे कबर से लौट पड़ीं। उन्होंने ग्यारह प्रेरितों को तथा अन्य सब शिष्यों को ये सारी बातें कह सुनाईं।
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