जब वे जैतून पहाड़ की ढाल पर पहुँचे, तो पूरा शिष्य-समुदाय आनंदविभोर हो कर आँखों देखे सब आश्चर्यपूर्ण कार्यों के लिए ऊंचे स्वर से इस प्रकार परमेश्वर की स्तुति करने लगा : “धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम पर आता है! स्वर्ग में शान्ति! सर्वोच्च स्वर्ग में महिमा!” भीड़ में कुछ फरीसी थे। उन्होंने येशु से कहा, “गुरुवर! अपने शिष्यों को रोकिए।” परन्तु येशु ने उत्तर दिया, “मैं तुम से कहता हूँ, यदि वे चुप रहे, तो पत्थर ही चिल्ला उठेंगे।” जब येशु निकट आए और नगर को देखा तो वह उस पर रो पड़े और बोले, “हाय! कितना अच्छा होता यदि तू, हाँ तू, आज के दिन यह समझ पाता कि किन बातों में तेरी शान्ति है! परन्तु अभी ये बातें तेरी आँखों से छिपी हुई हैं।
लूकस 19 पढ़िए
सुनें - लूकस 19
शेयर
सभी संस्करण की तुलना करें: लूकस 19:37-42
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो