प्रभु की करुणा निरन्तर बनी रहती है; उसकी दया अनंत है। रोज सबेरे उसमें नए अंकुर फूटते हैं; उसकी सच्चाई अपार है। मेरा प्राण कहता है, ‘प्रभु ही मेरा अंश है, अत: मैं उसकी आशा करूंगा।’ जो लोग प्रभु की बाट जोहते हैं, जो आत्मा उसकी खोज करती है, उसके प्रति प्रभु भला है। यह मनुष्य के हित में है, कि वह शांति से प्रभु के उद्धार की प्रतीक्षा करे।
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