योहन 16
16
1“मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम विचलित न हो।#यो 14:29 2वे तुम्हें सभागृहों से निकाल देंगे। इतना ही नहीं, वह समय आ रहा है, जब तुम्हारी हत्या करने वाला यह समझेगा कि वह परमेश्वर की सेवा कर रहा है।#यो 9:22; मत 5:11; 24:9; लू 6:22 3वे यह इसलिए करेंगे कि उन्होंने न तो पिता को जाना है और न मुझ को।#यो 15:21 4किन्तु मैंने तुम से यह इसलिए कहा है कि जब इनका समय आए तो तुम्हें यह स्मरण रहे कि मैंने तुम्हें उनके बारे में पहले ही बता दिया था।#यो 17:12; लू 22:53
पवित्र आत्मा का आगमन
“मैंने आरम्भ में तुम लोगों को ये बातें नहीं बताईं, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था। 5अब मैं उसके पास जा रहा हूँ, जिसने मुझे भेजा है और तुम में से कोई मुझ से यह नहीं पूछता कि आप कहाँ जा रहे हैं।#यो 7:33 6मैंने तुम्हें ये बातें बताई हैं, इसलिए तुम्हारा हृदय शोक से भर गया है। 7फिर भी मैं तुम से सच कहता हूँ : तुम्हारा कल्याण इसमें है कि मैं चला जाऊं। यदि मैं नहीं जाऊंगा, तो सहायक तुम्हारे पास नहीं आएगा। यदि मैं जाऊंगा, तो मैं उसे तुम्हारे पास भेजूँगा।#यो 14:16,26 8जब वह आएगा, तो पाप, धार्मिकता और दण्डाज्ञा के विषय में संसार को दोषी सिद्ध कर देगा#1 कुर 14:24; इब्र 4:12 − 9पाप के विषय में, क्योंकि वे मुझ में विश्वास नहीं करते;#यो 3:18; रोम 1:18 10धार्मिकता के विषय में, क्योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे फिर न देखोगे;#प्रे 5:31; रोम 4:25 11दण्डाज्ञा के विषय में, क्योंकि इस संसार का अधिपति दोषी ठहराया जा चुका है।#यो 12:31; 14:30
12“मुझे तुम से और बहुत कुछ कहना है, परन्तु अभी तुम वह नहीं सह सकते।#1 कुर 3:1 13जब वह, अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तब वह सम्पूर्ण सत्य में#16:13 पाठांतर “संपूर्ण सत्य तक” तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा; क्योंकि वह अपनी ओर से नहीं कहेगा, बल्कि वह जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा और तुम्हें आने वाली बातों के विषय में बताएगा।#यो 14:26; 1 यो 2:27; प्रज्ञ 9:11 14वह मुझे महिमान्वित करेगा, क्योंकि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्हें वही बताएगा। 15जो कुछ पिता का है, वह मेरा है। इसलिये मैंने कहा कि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्हें वही बताएगा। #यो 17:10
दु:ख सुख में बदल जाएगा
16“थोड़े समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े ही समय बाद तुम मुझे देखोगे।”#यो 14:19 17इस पर येशु के कुछ शिष्यों ने आपस में कहा, “वह हम से जो कह रहे हैं कि, ‘थोड़े समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े समय बाद तुम मुझे देखोगे’ और ‘क्योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ’ इसका क्या अर्थ है?” 18शिष्यों ने कहा, “वह जो ‘थोड़ा समय’ कहते हैं, इसका अर्थ क्या है? हम उनकी बात नहीं समझ पा रहे हैं।”
19येशु जानते थे कि वे उनसे प्रश्न पूछना चाहते हैं, अत: येशु ने उनसे कहा, “तुम आपस में मेरे इस कथन के अर्थ पर विचार-विमर्श कर रहे हो कि ‘थोड़े समय बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़े ही समय बाद मुझे देखोगे।’ 20मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द मनाएगा। तुम शोक करोगे, किन्तु तुम्हारा शोक आनन्द में बदल जाएगा। 21प्रसव निकट आने पर गर्भवती स्त्री को दु:ख होता है, क्योंकि उसका समय आ गया है; किन्तु शिशु को जन्म देने के बाद वह अपनी वेदना भूल जाती है, क्योंकि उसे आनन्द होता है कि संसार में एक मनुष्य का जन्म हुआ है।#यश 26:17 22इसी तरह तुम लोग अभी दु:खी हो, किन्तु मैं तुम्हें फिर देखूँगा और तुम्हारा मन आनन्दित होगा। तुम से तुम्हारा आनन्द कोई छीन नहीं सकेगा।#यश 66:14 23उस दिन तुम मुझ से कोई प्रश्न नहीं करोगे। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : यदि तुम मेरे नाम में पिता से कुछ माँगोगे, तो वह तुम्हें प्रदान करेगा।#16:23 पाठान्तर “यदि तुम पिता से कुछ माँगोगे, तो वह मेरे नाम में तुम्हें प्रदान करेगा।”#यो 14:13-14,20; 1 यो 5:14; मत 7:7; मक 11:24 24अब तक तुम ने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा है। माँगो और तुम्हें मिलेगा, जिससे तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो!#यो 15:11
मैंने संसार पर विजय पायी है
25“मैंने तुम से यह सब रूपकों में कहा है। वह समय आ रहा है, जब मैं फिर तुम से रूपकों में कुछ नहीं कहूँगा, बल्कि तुम्हें स्पष्ट शब्दों में पिता के विषय में बताऊंगा।#यो 10:6 26तुम उस दिन मेरे नाम में माँगोगे। मैं नहीं कहता कि मैं तुम्हारे लिए पिता से प्रार्थना करूँगा। 27पिता तो स्वयं तुम्हें प्यार करता है, क्योंकि तुम मुझे प्यार करते हो, और तुम ने यह विश्वास किया है कि मैं परमेश्वर से आया हूँ।#यो 14:21 28मैं पिता से निकल कर संसार में आया हूँ। अब मैं फिर संसार को छोड़ कर पिता के पास जा रहा हूँ।”
29येशु के शिष्यों ने उन से कहा, “देखिए, अब आप रूपकों में नहीं, बल्कि स्पष्ट शब्दों में बोल रहे हैं।#यो 16:25 30अब हम समझ गये हैं कि आप सब कुछ जानते हैं और आपको आवश्यकता नहीं कि कोई आपसे प्रश्न करे। इसलिए हम विश्वास करते हैं कि आप परमेश्वर से निकले हैं।”#यो 2:25
31येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या तुम अब विश्वास करते हो? 32देखो! वह घड़ी आ रही है, वरन् आ ही गयी है, जब तुम तितर-बितर हो जाओगे और मुझे अकेला छोड़कर तुम सब अपना-अपना मार्ग लोगे। फिर भी मैं अकेला नहीं हूँ, क्योंकि पिता मेरे साथ है।#जक 13:7; मत 26:31,45; मक 14:27,50; यो 8:29 33मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”#यो 14:27; रोम 5:1; 1 यो 5:4
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