याकूब 1:12-19

याकूब 1:12-19 HINCLBSI

धन्‍य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्‍त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्‍तों को देने की प्रतिज्ञा की है। प्रलोभन में पड़ा हुआ कोई भी व्यक्‍ति यह न कहे कि परमेश्‍वर मुझे प्रलोभन देता है। परमेश्‍वर न तो बुराई के प्रलोभन में पड़ सकता और न किसी को प्रलोभन देता है। जो प्रलोभन में पड़ता है, वह अपनी ही वासना द्वारा खींचा और बहकाया जाता है। वासना के गर्भ से पाप का जन्‍म होता है और पाप विकसित हो कर मृत्‍यु को जन्‍म देता है। मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप गलती न करें। सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार। उसने अपनी ही इच्‍छा से सत्‍य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्‍टि के प्रथम फल बनें। मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्‍छी तरह समझ लें। प्रत्‍येक व्यक्‍ति सुनने के लिए तत्‍पर रहे, किन्‍तु बोलने और क्रोध करने में देर करे

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याकूब 1:12-19 - धन्‍य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्‍त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्‍तों को देने की प्रतिज्ञा की है। प्रलोभन में पड़ा हुआ कोई भी व्यक्‍ति यह न कहे कि परमेश्‍वर मुझे प्रलोभन देता है। परमेश्‍वर न तो बुराई के प्रलोभन में पड़ सकता और न किसी को प्रलोभन देता है। जो प्रलोभन में पड़ता है, वह अपनी ही वासना द्वारा खींचा और बहकाया जाता है। वासना के गर्भ से पाप का जन्‍म होता है और पाप विकसित हो कर मृत्‍यु को जन्‍म देता है।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप गलती न करें। सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार। उसने अपनी ही इच्‍छा से सत्‍य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्‍टि के प्रथम फल बनें।

मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्‍छी तरह समझ लें। प्रत्‍येक व्यक्‍ति सुनने के लिए तत्‍पर रहे, किन्‍तु बोलने और क्रोध करने में देर करेयाकूब 1:12-19 - धन्‍य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्‍त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्‍तों को देने की प्रतिज्ञा की है। प्रलोभन में पड़ा हुआ कोई भी व्यक्‍ति यह न कहे कि परमेश्‍वर मुझे प्रलोभन देता है। परमेश्‍वर न तो बुराई के प्रलोभन में पड़ सकता और न किसी को प्रलोभन देता है। जो प्रलोभन में पड़ता है, वह अपनी ही वासना द्वारा खींचा और बहकाया जाता है। वासना के गर्भ से पाप का जन्‍म होता है और पाप विकसित हो कर मृत्‍यु को जन्‍म देता है।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप गलती न करें। सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार। उसने अपनी ही इच्‍छा से सत्‍य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्‍टि के प्रथम फल बनें।

मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्‍छी तरह समझ लें। प्रत्‍येक व्यक्‍ति सुनने के लिए तत्‍पर रहे, किन्‍तु बोलने और क्रोध करने में देर करेयाकूब 1:12-19 - धन्‍य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्‍त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्‍तों को देने की प्रतिज्ञा की है। प्रलोभन में पड़ा हुआ कोई भी व्यक्‍ति यह न कहे कि परमेश्‍वर मुझे प्रलोभन देता है। परमेश्‍वर न तो बुराई के प्रलोभन में पड़ सकता और न किसी को प्रलोभन देता है। जो प्रलोभन में पड़ता है, वह अपनी ही वासना द्वारा खींचा और बहकाया जाता है। वासना के गर्भ से पाप का जन्‍म होता है और पाप विकसित हो कर मृत्‍यु को जन्‍म देता है।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप गलती न करें। सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार। उसने अपनी ही इच्‍छा से सत्‍य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्‍टि के प्रथम फल बनें।

मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्‍छी तरह समझ लें। प्रत्‍येक व्यक्‍ति सुनने के लिए तत्‍पर रहे, किन्‍तु बोलने और क्रोध करने में देर करेयाकूब 1:12-19 - धन्‍य है वह, जो विपत्ति में दृढ़ बना रहता है! परीक्षा में खरा उतरने पर उसे जीवन का वह मुकुट प्राप्‍त होगा, जिसे प्रभु ने अपने भक्‍तों को देने की प्रतिज्ञा की है। प्रलोभन में पड़ा हुआ कोई भी व्यक्‍ति यह न कहे कि परमेश्‍वर मुझे प्रलोभन देता है। परमेश्‍वर न तो बुराई के प्रलोभन में पड़ सकता और न किसी को प्रलोभन देता है। जो प्रलोभन में पड़ता है, वह अपनी ही वासना द्वारा खींचा और बहकाया जाता है। वासना के गर्भ से पाप का जन्‍म होता है और पाप विकसित हो कर मृत्‍यु को जन्‍म देता है।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप गलती न करें। सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्‍टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्‍धकार। उसने अपनी ही इच्‍छा से सत्‍य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्‍टि के प्रथम फल बनें।

मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्‍छी तरह समझ लें। प्रत्‍येक व्यक्‍ति सुनने के लिए तत्‍पर रहे, किन्‍तु बोलने और क्रोध करने में देर करे

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