यशायाह 46
46
1बेल देवता झुक गया,
नबो देव नत हो गया।
उनकी मूर्तियां जानवरों और ढोरों
पर लाद दी गईं।
जिन वस्तुओं को तुम ढोते थे,
वे थके हुए पशुओं पर लदी हैं;
अब वे बोझ बन गईं।
2बेल और नबो नत हो गए,
उनका सिर झुक गया।
वे बोझ ढोनेवालों को नहीं बचा सके,
और स्वयं बन्दी बनकर जा रहे हैं।
3ओ याकूब के वंशजो, मेरी बात सुनो।
इस्राएल कुल के बचे हुए लोगो,
मेरी ओर ध्यान दो।
तुम्हारे जन्म से,
गर्भ से ही मैं तुम्हें उठाए हुए हूं।#नि 19:4
4और तुम्हारी वृद्धावस्था तक,
तुम्हारे बूढ़े होने तक,
तुम्हें उठाए रहूंगा,
क्योंकि मैं ‘वही प्रभु’ हूं।
मैंने तुम्हें रचा है,
अत: मैं तुम्हारा बोझ उठाऊंगा;
मैं तुम्हें ढोऊंगा, और तुम्हारी रक्षा करूंगा।
5‘तुम मेरी उपमा किससे दे सकते हो?
तुम मेरी तुलना किससे करोगे?
किससे तुम मेरी समता करोगे,
कि मैं और वह एक-बराबर हैं?
6मूर्ति पूजक थैली से सोना निकालते,
और तराजू पर चांदी तौलते।
वे सुनार को काम पर लगाते,
और वह सोना-चांदी की एक मूर्ति बना देता है।
तब वे उसके सम्मुख भूमि पर लेटकर
उसकी वंदना करते, उसकी पूजा करते हैं।
7वे उसको कंधों पर उठा कर ले जाते
और उसको उसके स्थान पर
प्रतिष्ठित कर देते हैं;
मूर्ति वहाँ खड़ी रहती है।
जब उसके उपासक
सहायता के लिए उसे पुकारते हैं,
तब वह उनको उत्तर नहीं देती है,
वह अपने उपासकों को
संकट से नहीं बचाती है।
8अरे अपराधियो! यह स्मरण करो,
इस पर विचार करो,
अपने हृदय में इस को याद करो।
9अतीत की घटनाओं को स्मरण करो,
क्योंकि मैं ही परमेश्वर हूं;
मुझे छोड़ दूसरा कोई ईश्वर नहीं है।
मैं ही परमेश्वर हूं,
और मेरे समान दुसरा ईश्वर नहीं है।
10मैं आदिकाल से ही अन्त की बातें बताता
आया हूं,
मैंने प्राचीनकाल में ही भविष्य की घटनाएं
घोषित कर दी हैं।
मैंने यह कहा है: ‘मेरे संकल्प अटल हैं,
मैं अपने समस्त अभिप्रायों को
निस्सन्देह पूर्ण करूंगा।’#भज 33:11
11मैंने पूर्व देश के एक शिकारी पक्षी को
बुलाया है;
दूर देश से मैंने अपने संकल्प को पूरा
करनेवाले को
बुलाया है।
यह मैं कह चुका हूं;
निस्सन्देह मैं यह कार्य सम्पन्न करूंगा;
जैसा मेरा अभिप्राय है, वैसा ही मैं करूंगा।
12ओ हठीले लोगो! मेरी बात सुनो।
तुम उद्धार से बहुत दूर हो।
13मैं अपना उद्धार तुम्हारे समीप ला रहा हूं,
अब वह तुमसे बहुत दूर नहीं है।
मेरी ओर से उद्धार में देर नहीं होगी।
मैं सियोन को अपना उद्धार,
और इस्राएल को अपनी महिमा
प्रदान करूंगा।
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