यशायाह 43
43
प्रभु ही एक मात्र छुड़ानेवाला है
1ओ याकूब, तेरा रचनेवाला
ओ इस्राएल, तेरा गढ़नेवाला
प्रभु अब यों कहता है :
‘मत डर, क्योंकि मैंने तुझे छुड़ा लिया है।
मैंने तेरा नाम लेकर तुझे छुड़ाया है,
तू मेरा है।
2जब तू समुद्र पार करेगा,
मैं तेरे साथ रहूंगा।
जब तू नदियों से होते हुए जाएगा
तब नदियां तुझे डुबो न सकेंगी।
यदि तू आग पर चलेगा,
तो भी तू नहीं जलेगा;
लपटें तुझे भस्म न कर सकेंगी; #1 कुर 3:15
3क्योंकि मैं तेरा प्रभु परमेश्वर हूं;
मैं तुझे बचानेवाला,
इस्राएल का पवित्र परमेश्वर हूं।
मैंने तेरे विमोचन के मूल्य में
मिस्र देश दिया है,
तेरे बदले में इथियोपिआ और सबा देश दिए हैं।
4मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
तू मेरी दृष्टि में अनमोल और सम्मानित है,
अत: मैं तुझे छुड़ाने के लिए
तेरे बदले में अन्य जातियों को देता हूं।
तेरे प्राण को बचाने के लिए
दूसरी कौमों को देता हूं।
5मत डर; क्योंकि मैं तेरे साथ हूं।
मैं तेरे वंशजों को पूर्व के देशों से लाऊंगा।
ओ इस्राएल,
मैं तुझे पश्चिम के देशों से एकत्र करूंगा।#प्रे 18:10
6मैं उत्तर के राज्यों को आदेश दूंगा,
“इन्हें छोड़ दो।”
मैं दक्षिण के राज्यों से यह कहूंगा,
‘इन्हें मत रोको।”
मेरे पुत्रों को दूर-दूर देशों से लाओ,
मेरी पुत्रियों को पृथ्वी के सीमान्तों से एकत्र
करो।
7ये सब मेरे नाम से आराधना करते हैं,
इनको मैंने अपनी महिमा के लिए रचा है,
इनको मैंने गढ़ा है, इनको मैंने बनाया है।”
8‘उन लोगों को मेरे सम्मुख प्रस्तुत करो,
जिनको आंखें हैं, पर वे देखते नहीं,
जिनके कान हैं, पर वे सुनते नहीं।
9विश्व के सब राष्ट्र एकत्र हों,
समस्त कौमें इकट्ठी हों।
उनमें से कौन ऐसा राष्ट्र है,
जो यह बात बता सकता है?
कौन ऐसी कौम है,
जो बीती हुई घटनाएँ हमें दिखा सकती है?
अपने को निर्दोष प्रमाणित करने के लिए
वे अपने गवाह पेश करें।
लोग उनकी गवाही सुनें
और तब वे यह कह सकें, “यह सच है।” ’
10प्रभु कहता है,
‘तुम ही मेरे गवाह, मेरे मनोनीत सेवक हो,
कि तुम जान सको,
तुझ पर विश्वास कर सको,
और समझ सको, कि मैं ही “वह” हूं।
मुझ से पूर्व कोई भी ईश्वर नहीं हुआ,
और न मेरे बाद कोई होगा।#प्रे 1:8; यो 15:16
11मैं, केवल मैं प्रभु हूं,
मेरे अतिरिक्त कोई उद्धारकर्ता नहीं!#हो 13:4; प्रे 4:12
12मैंने प्रकट किया था,
मैंने ही घोषित किया था,
मैंने ही तुम्हें बचाया था,
उन दिनों में जब तुम्हारे मध्य अन्य ईश्वर
नहीं था।’
प्रभु कहता है, ‘तुम ही मेरे गवाह हो।
13मैं ही परमेश्वर हूं,
और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा।
मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है।
जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं,
उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
14इस्राएल का पवित्र परमेश्वर,
तुम्हारा विमोचक प्रभु, यों कहता है :
‘मैं तुम्हारे हित के लिए
सेना को बेबीलोन देश भेजूंगा।
मैं सब जंजीरें तोड़ डालूंगा।
मैं कसदी सेना का हर्ष-निनाद
विलाप में बदल दूंगा।
15मैं प्रभु हूं; तुम्हारा पवित्र परमेश्वर हूं;
इस्राएल का स्रष्टा, तुम्हारा राजा हूं।’
16प्रभु ही बोल रहा है,
जो समुद्र में मार्ग बनाता है,
उत्ताल तरंगों में पथ निर्मित करता है।
17वह ही रथों और घोड़ों को,
सेना और योद्धाओं को
निकाल कर लाता है।
वे भूमि पर पड़े हैं; अब वे उठ नहीं सकते।
वे सन की बत्ती की तरह बुझ गए।
18पर प्रभु यों कहता है :
‘बीती घटनाओं को याद मत करो;
प्राचीन काल की बातों पर विचार मत करो।
19देखो, मैं एक नया कार्य कर रहा हूं :
वह अब प्रकट हो रहा है।
तुम स्वयं उसका अनुभव कर रहे हो।
मैं निर्जन प्रदेश में एक मार्ग बनाऊंगा,
मरुस्थल में नदियाँ बहा दूंगा।#2 कुर 5:17; प्रक 21:5
20वन-पशु, गीदड़ और शुतुरमुर्ग
मेरा आदर करेंगे;
क्योंकि मैं उन्हें निर्जन प्रदेश में
पीने को पानी देता हूं,
मरुस्थल में नदियां बहाता हूं।
मैं अपने मनोनीत लोगों को,
पीने का पानी प्रदान करता हूं,
21जिनको मैंने अपने लिए रचा है,
ताकि वे मेरी स्तुति सर्वत्र घोषित करें।’
22ओ याकूब, फिर भी तूने मेरी आराधना नहीं की।
ओ इस्राएल, तू मुझसे ऊब गया।
23तूने अपनी भेड़ें मुझे अग्नि-बलि में नहीं
चढ़ाई;
तूने बलि चढ़ाकर मेरा सम्मान नहीं किया।
मैंने तुझे इतनी बलि चढ़ाने को नहीं कहा था,
कि वह तेरे ऊपर बोझ बन जाए!
मैंने तुझे इतना धूप-द्रव्य
जलाने का आदेश नहीं दिया था
कि तू कष्ट में पड़ जाए!
24तूने मुझे चढ़ाने के लिए
शहद के साथ शक्कर नहीं खरीदी,
अपने बलि-पशु की चर्बी की सुगन्ध से
मुझे सन्तुष्ट नहीं किया।
वरन् तूने अपने पाप का भार
मुझ पर लाद दिया;
तूने अपने अधर्म से मुझे थका दिया।
25मैं, मैं ही ‘वह’ प्रभु हूं;
मैं अपने निमित्त
तेरे अपराध क्षमा कर देता हूं,
मैं तेरे पाप स्मरण नहीं रखूंगा।
26मुझे स्मरण करा, यदि मैंने तेरे किसी सत्कर्म
पर ध्यान नहीं दिया :
आ, हम परस्पर विवाद करें।
अपना पक्ष प्रस्तुत कर
ताकि तू निर्दोष प्रमाणित हो सके।
27तेरे मूल पिता याकूब ने पाप किया था,
तेरे प्रवक्ताओं ने मेरे प्रति अपराध किया था।#उत 27:36
28इस कारण मैंने
पवित्र स्थान के प्रशासकों को पदच्युत
कर दिया,
मैंने याकूब को संहार के लिए,
इस्राएल को निन्दा के हेतु त्याग दिया।
वर्तमान में चयनित:
यशायाह 43: HINCLBSI
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