होशे 3
3
नबी होशे व्यभिचारिणी पत्नी को पुन: स्वीकार करते हैं
1प्रभु ने मुझे यह आदेश दिया, ‘पुन: जा, और प्रेम कर उस परकीया#3:1 अर्थात् ‘वह स्त्री जो परपुरुष से प्रेम करती है’। और व्यभिचारिणी स्त्री से, जैसे मैं-प्रभु भी इस्राएली लोगों से प्रेम करता हूं; यद्यपि वे अन्य देवताओं की ओर उन्मुख हो उनकी पूजा करते हैं, और किशमिश की रोटियाँ पसन्द करते हैं जो मूर्तियों के सम्मुख चढ़ाई जाती है।’
2अत: मैंने चांदी के पन्द्रह सिक्कों, और डेढ़ सौ किलो जौ में उसको पुन: प्राप्त किया। 3मैंने उससे यह कहा, ‘तुम्हें बहुत दिन तक मेरी बन कर रहना होगा। तुम वेश्यावृत्ति नहीं करोगी। तुम परपुरुष से सहवास नहीं करोगी; मैं भी तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करूंगा।’
4इसी प्रकार इस्राएली बहुत दिनों तक बिना राजा के निवास करेंगे। न उनका कोई शासक होगा, और न वे बलि चढ़ा सकेंगे। उनके न पूजा-स्तम्भ होंगे, और न एपोद और न गृह-देवताओं की मूर्तियाँ।#नि 28:6 5तत्पश्चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।#यिर 30:9
वर्तमान में चयनित:
होशे 3: HINCLBSI
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.