इब्रानियों 11:32-40

इब्रानियों 11:32-40 HINCLBSI

मैं और क्‍या कहूँ? यदि मैं गिदओन, बाराक, शिमशोन, यिफ्‍ताह, दाऊद, शमूएल और नबियों की भी चर्चा करने लगूँ, तो मेरे पास समय नहीं रहेगा। उन्‍होंने अपने विश्‍वास द्वारा राज्‍यों को अपने अधीन कर लिया, न्‍याय का पालन किया, प्रतिज्ञाओं का फल पाया, सिंहों का मुँह बन्‍द किया और प्रज्‍वलित आग बुझायी। वे तलवार की धार से बच गये और दुर्बल होते हुए भी शक्‍तिशाली बन गये। उन्‍होंने युद्ध में वीरता का प्रदर्शन किया और विदेशी सेनाओं को भगा दिया। स्‍त्रियों ने अपने पुनर्जीवित मृतकों को फिर प्राप्‍त किया। कुछ लोग यन्‍त्रणा सह कर मर गये और वे उस से इसलिए छुटकारा नहीं चाहते थे कि उन्‍हें श्रेष्‍ठतर पुनरुत्‍थान प्राप्‍त हो। उपहास, कोड़ों, बेड़ियों और बन्‍दीगृह द्वारा कुछ लोगों की परीक्षा ली गयी है। कुछ लोग पत्‍थरों से मारे गये, कुछ आरे से चीर दिये गये और कुछ तलवार से मौत के घाट उतारे गये। कुछ लोग दरिद्रता, अत्‍याचार और उत्‍पीड़न के शिकार बन कर भेड़ों और बकरियों की खाल ओढ़े, इधर-उधर भटकते रहे। संसार उनके योग्‍य नहीं था। उन्‍हें उजाड़ स्‍थानों, पहाड़ी प्रदेशों, गुफाओं और धरती के गड्ढों की शरण लेनी पड़ी। वे सब अपने विश्‍वास के कारण परमेश्‍वर के कृपापात्र समझे गये। फिर भी उन्‍हें प्रतिज्ञा का फल प्राप्‍त नहीं हुआ, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने हम को दृष्‍टि में रख कर एक श्रेष्‍ठतर योजना बनायी थी। वह चाहता था कि वे हमारे साथ ही पूर्णता तक पहुँचें।