विश्वास के कारण मूसा के माता-पिता ने यह देख कर कि शिशु सुन्दर है, उसे जन्म के बाद तीन महीनों तक छिपाये रखा और वे राजा के आदेश से भयभीत नहीं हुए। विश्वास के कारण बड़े हो जाने पर मूसा ने फरओ की पुत्री का बेटा कहलाना अस्वीकार किया। उन्होंने पाप का अल्पस्थायी सुख भोगने की अपेक्षा परमेश्वर की प्रजा के साथ अत्याचार सहना अधिक उचित समझा। उन्होंने मिस्र की धन-सम्पत्ति की अपेक्षा मसीह का अपयश अधिक मूल्यवान् समझा, क्योंकि उनकी दृष्टि भविष्य में प्राप्त होने वाले पुरस्कार पर लगी हुई थी। विश्वास के कारण उन्होंने मिस्र देश को छोड़ दिया। वह राजा फरओ के क्रोध से भयभीत नहीं हुए, बल्कि दृढ़ बने रहे, मानो वह अदृश्य परमेश्वर को देख रहे थे। विश्वास के कारण मूसा ने “पास्का” की विधियों का पालन किया और रक्त छिड़का, जिससे पहलौठों का विनाशक दूत इस्राएलियों के पहलौठे पुत्रों पर हाथ न डाले। विश्वास के कारण उन लोगों ने लाल समुद्र को पार किया, मानो वह सूखी भूमि था और जब मिस्रियों ने वैसा ही करने की चेष्टा की, तो वे डूब मरे।
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