उत्‍पत्ति 45:4-13

उत्‍पत्ति 45:4-13 HINCLBSI

यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, ‘कृपया मेरे निकट आओ।’ वे निकट आए। उसने कहा, ‘मैं तुम्‍हारा भाई यूसुफ हूँ, जिसे तुमने मिस्र देश आने वाले व्‍यापारियों को बेच दिया था। अब दु:खित न हो। अपने आप पर क्रोध भी न करो कि तुमने मुझे बेचा था। पर परमेश्‍वर ने जीवन बचाने के लिए तुमसे पहले मुझे यहाँ भेजा है। पिछले दो वर्ष से इस देश में अकाल पड़ रहा है। अभी पाँच वर्ष और शेष हैं। उस अवधि में न हल चलेगा और न फसल काटी जाएगी। परमेश्‍वर ने तुमसे पहले मुझे भेजा कि तुम्‍हारे वंश की पृथ्‍वी पर रक्षा की जाए, तुम्‍हारी अनेक सन्‍तान के प्राण बचाए जाएँ। इसलिए तुमने नहीं, वरन् परमेश्‍वर ने मुझे यहाँ भेजा है। उसी ने मुझे फरओ का प्रधान मन्‍त्री, उसके महल का स्‍वामी और समस्‍त मिस्र देश का शासक नियुक्‍त किया है। शीघ्रता करो, और मेरे पिता के पास जाकर उनसे कहो, “आपका पुत्र यूसुफ यह कहता है: परमेश्‍वर ने समस्‍त मिस्र देश का स्‍वामी मुझे नियुक्‍त किया है। अत: मत रुकिए वरन् मेरे पास आ जाइए। आप गोशेन प्रदेश में निवास करेंगे। आप, आपके पुत्र-पौत्रादि, आपकी भेड़-बकरी, गाय-बैल, एवं आपके पास जो कुछ है, मेरे निकट ही रहेंगे। वहाँ मैं आपके लिए भोजन-सामग्री की व्‍यवस्‍था करूँगा; क्‍योंकि अभी अकाल के पाँच वर्ष शेष हैं। ऐसा न हो कि आप, आपके परिवार एवं आपके साथ के लोगों को अभाव हो।” देखो, तुम्‍हारी आँखें, मेरे भाई बिन्‍यामिन की आँखें, देख रही हैं कि तुमसे वार्तालाप करने वाला मैं यूसुफ हूँ। तुम मेरे पिता से, मिस्र देश में मेरे समस्‍त प्रताप का, और जो कुछ तुमने देखा है, उन सबका वर्णन अवश्‍य करना। अब शीघ्रता करो और मेरे पिता को यहाँ ले आओ।’

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