उन्होंने यूसुफ से कहा, ‘हमने स्वप्न देखे हैं। किन्तु यहाँ उनका अर्थ बतानेवाला कोई नहीं है।’ यूसुफ बोला, ‘क्या यह सच नहीं है कि स्वप्नों के अर्थ बताना केवल परमेश्वर का कार्य है? कृपाकर, मुझे सुनाइए।’ मुख्य साकी ने अपना स्वप्न यूसुफ को सुनाया। उसने यूसुफ से कहा, ‘मैंने स्वप्न में देखा कि मेरे सम्मुख एक अंगूर की बेल है। अंगूर की बेल में तीन शाखाएँ हैं।; जैसे ही उसमें कलियाँ आईं, उसके फूल शीघ्र ही खिल गए, और उसके गुच्छों में अंगूर लग कर पक गए। फरओ का चषक मेरे हाथ में था। मैंने अंगूर लेकर उन्हें फरओ के चषक में निचोड़ा और उसे फरओ के हाथ में दिया।’ यूसुफ ने उससे कहा, ‘यह आप के स्वप्न का अर्थ है : वे तीन शाखाएँ तीन दिन हैं। तीन दिन के पश्चात् फरओ आपका सिर ऊंचा करेंगे। वह आपको आपका पद लौटा देंगे। आप पहिले के समान, जब आप फरओ के साकी थे, उनके हाथ में चषक देंगे। जब आप का भला होगा तब मुझे स्मरण करना। मैं विनती करता हूँ, मुझ पर करुणा कर फरओ से मेरा उल्लेख करना, और मुझे इस कारागार से बाहर निकलवा लेना; क्योंकि इब्रानियों के देश से सचमुच मेरा अपहरण किया गया है। मैंने ऐसा कोई कार्य नहीं किया कि वे मुझे कारागार में डालें।’
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