यहेजकेल 38

38
परमेश्‍वर की विश्‍व-विजय
1प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। उसने मुझसे कहा, 2‘ओ मानव, तू अपना मुख मागोग देश के राजा गोग की ओर कर, और उसके विरुद्ध नबूवत कर। यह मेशेक और तूबल नगर-राज्‍यों का मुख्‍य शासक है।#प्रक 20:8 3तू उससे यह कहना, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : ओ गोग, मेशेक और तूबल नगर-राज्‍यों के मुख्‍य प्रशासक, मैं तेरे विरुद्ध हूं। 4मैं तेरे मुंह में लगाम दूंगा। मैं तेरे जबड़ों में आंकड़े डालकर तुझे घुमाऊंगा। मैं तुझे घसीट कर लाऊंगा। तेरे साथ तेरी समस्‍त सेना होगी; घोड़े और घुड़सवार होंगे, जो पूरी तरह कवच से ढके होंगे। सैनिकों का विशाल दल होगा। हर एक सैनिक के हाथ में फरी और ढाल होगी। ये सब तलवार चलाने में निपुण होंगे। 5इन सैनिकों के साथ फारस, कूश और पूत देशों के सैनिक होंगे, जो सबके सब हाथों में ढाल लिए और सिर पर शिरस्‍त्राण लगाए होंगे। 6इनके अतिरिक्‍त, ओ गोग, तेरे साथ इन राष्‍ट्रों के सैनिक मेरे सम्‍मुख आएंगे: गोमेर और उसके सब सैनिक-दल, उत्तरी सीमांत पर स्‍थित बेत-तोगर्मा और उसके सब सैनिक-दल। ओ गोग, तेरे साथ अनेक देशों के सैनिक होंगे।#उत 10:2; यहेज 27:14
7‘ओ गोग, तू और तेरे आसपास एकत्र हुई अन्‍य देशों की सैनाएं तैयार हों। तू उनका रक्षक बनना। 8अनेक दिन के पश्‍चात् मैं तेरी सुधि लूंगा, और तुझे मेरा आदेश प्राप्‍त होगा। अनेक वर्ष के पश्‍चात् मैं तुझको उस देश पर आक्रमण करने के लिए भेजूंगा, जो युद्ध के बाद पुन: निर्मित हुआ है। इस देश में अनेक देशों से लोग आकर बसे हैं। ये इस्राएल के पहाड़ी इलाके में निवास करते हैं, जो अब तक स्‍थायी रूप से निर्जन और उजाड़ पड़ा था। ये लोग भिन्न-भिन्न देशों की गुलामी से मुक्‍त होकर यहाँ लाए गए हैं, और अब, वे-सब इस देश में निश्‍चिन्‍त हो निवास कर रहे हैं। 9तू और तेरे सैनिक-दल तथा तेरे साथ अन्‍य कौमों के सैनिक इस देश पर आंधी के समान आक्रमण करेंगे, और काले बादल के समान उसको ढक लेंगे।
गोग का षड्‍यन्‍त्र
10‘स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: ओ गोग, उस दिन तेरे मन में ये विचार उत्‍पन्न होंगे, और तू यह दुष्‍कर्म करने की योजना बनाएगा। 11तू यह सोचेगा, “मैं ऐसे ग्रामीण देश पर आक्रमण करूंगा, जो शहरपनाह से नहीं घिरा है। मैं उन लोगों पर हमला करूंगा, जो निश्‍चिंत निवास करते हैं। वे ऐसे मकानों में रहते हैं, जिनके चारों ओर दीवार नहीं है, जिन के घरों में सांकल और नगर के प्रवेश-द्वारों में अर्गलाएं नहीं हैं।” 12ओ गोग, तू उनको लूटना और उनकी धन-सम्‍पत्ति छीनना चाहेगा। जो निर्जन स्‍थान अब आबाद हो गए हैं, उनको फिर उजाड़ना चाहेगा। तू उनको लूटना चाहेगा जो भिन्न-भिन्न देशों से निकालकर स्‍वदेश में एकत्र किए गए हैं; जो अब पशु-पालन कर रहे हैं; जिन्‍होंने सम्‍पत्ति जमा कर ली है; यरूशलेम में निवास कर रहे हैं, जो पृथ्‍वी की नाभि है। 13शबा और ददान देशों के निवासी तथा तर्शीश महानगर तथा उसके गांवों के व्‍यापारी, वस्‍तुत: सब व्‍यापार करने वाले तुझसे पूछेंगे, “क्‍या आप लूटने के लिए आए हैं? जो आपने यह विशाल सेना इकट्ठी की है, वह क्‍या केवल लूट का माल ढोने के लिए है? क्‍या आपने इस सेना को सोना, चांदी, पशु, माल-सम्‍पत्ति ढोने, यह बड़ी लूट ले जाने के लिए एकत्र किया है?”
गोग इस्राएल देश पर आक्रमण करेगा
14‘इसलिए, ओ मानव, नबूवत कर, और गोग से यह कह, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: जब मेरे निज लोग इस्राएली अपने देश में निश्‍चिंतता से निवास करते होंगे, तब तू उन पर आक्रमण करने के लिए उत्तेजित होगा 15और उत्तरी सीमांत से, जहां तेरा निवास-स्‍थान है, निकलेगा। तेरे साथ विशाल सेना होगी, असंख्‍य सैनिक होंगे, जो घोड़ों पर सवार होंगे। 16जैसे काली घटाएं आकाश को ढक लेती हैं, तू और तेरी सेना वैसे ही मेरे निज लोग इस्राएलियों के देश को ढक लेगी। तू उन पर चढ़ाई करेगा। ओ गोग, जब मेरे निज लोग इस्राएली अपने देश में बस चुके होंगे, उसके पश्‍चात् मैं स्‍वयं तुझसे अपने देश पर आक्रमण कराऊंगा, जिससे सब राष्‍ट्र जानेंगे कि मैं तेरे माध्‍यम से सब राष्‍ट्रों की आंखों के सामने अपनी पवित्रता प्रमाणित करता हूं।#नि 14:4
गोग की विशाल वाहिनी का विनाश
17‘स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: ओ गोग; क्‍या तू वही राजा नहीं है, जिसके विषय में मैंने अपने सेवकों, इस्राएल के नबियों के माध्‍यम से कहा था? मेरे ये सेवक अनेक वर्षों तक यह नबूवत करते रहे कि मैं तुझसे अपने निज लोग इस्राएलियों पर आक्रमण कराऊंगा।’ 18किन्‍तु स्‍वामी-प्रभु यह भी कहता है : जिस दिन गोग इस्राएल देश पर आक्रमण करेगा, मेरी क्रोधाग्‍नि गोग के प्रति भड़क उठेगी। 19मैं अपनी ईष्‍र्या और क्रोधाग्‍नि के कारण यह घोषित करता हूं : उस दिन इस्राएल देश में बड़ा भूकम्‍प आएगा। 20मेरी उपस्‍थिति के कारण सागर की मछलियां, आकाश के पक्षी, और जंगल के पशु, भूमि पर रेंगनेवाले जीव-जन्‍तु, तथा पृथ्‍वी की सतह पर रहने वाले सब मनुष्‍य कांप उठेंगे। पहाड़ फटकर नीचे गिर पड़ेंगे। खड़ी चट्टानें ढह जाएंगी, तथा मकानों और नगरों की सब दीवारें भूमि पर गिर पड़ेंगी। 21स्‍वामी-प्रभु की यह वाणी है : मैं गोग के ऊपर सब प्रकार के आतंक भेजूंगा। भाई, भाई को तलवार से मौत के घाट उतारेगा। 22मैं महामारी और रक्‍तपात के रूप में उसको दण्‍ड दूंगा। मैं उस पर, उसके असंख्‍य सैनिक-दलों पर और उसके साथ ही अनेक जातियों पर मूसलाधार वर्षा करूंगा। मैं उन पर ओले, आग और गन्‍धक की वर्षा करूंगा।#प्रक 8:7; 14:10 23इस प्रकार मैं अपनी महानता और पवित्रता प्रकट करूंगा, और सब राष्‍ट्रों की आंखों के सामने स्‍वयं को प्रकट करूंगा। तब उनको ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।

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