यहेजकेल 19

19
दो शोक गीत
इस्राएली कौम शेरनी थी!
1‘ओ मानव, तू इस्राएली उच्‍चाधिकारियों के सम्‍बन्‍ध में यह शोक गीत गा:
2ओ इस्राएल के उच्‍चाधिकारियो,
तुम्‍हारी मां सिंहों के मध्‍य एक सिंहनी थी।
वह जवान सिंहों से घिरी रहती थी,
और अपने बच्‍चों का लालन-पालन करती थी।
3अपने बच्‍चों में से एक बच्‍चे को
उसने बड़ा किया,
और वह तरुण सिंह बन गया।
उसने शिकार पकड़ना सीख लिया।
वह आदमियों का शिकार करने लगा।
4आसपास के राष्‍ट्र चौकन्ने हो गए।
उन्‍होंने उसके विरुद्ध जाल फैलाया
और वह उनके गड्ढे में फंस गया।
वे उसकी नाक में नकेल डालकर
उसको मिस्र देश ले गए।#2 रा 23:33
5जब उसकी मां ने यह देखा
कि उसका श्रम व्‍यर्थ हो गया,
उसकी आशा पर पानी फिर गया,
तो उसने अपने एक और बच्‍चे को लिया,
और उसको बड़ा किया,
उसने उसको जवान सिंह बनाया।
6वह सिंहों के मध्‍य गरजने लगा;
वह जवान हो गया।
उसने शिकार पकड़ना सीख लिया;
वह आदमियों का शिकार करने लगा।
7उसने अपने पड़ोसी राष्‍ट्रों के गढ़ उजाड़ दिए;
उनके नगर निर्जन कर दिए।
उसकी दहाड़ सुन कर
सारा देश और उसके निवासी
डर से कांप उठे।
8तब पड़ोसी राष्‍ट्रों ने चारों ओर से
उसको पकड़ने के लिए जाल बिछाया;
उन्‍होंने उस पर फन्‍दा फेंका;
और वह उनके गड्ढे में फंस गया।
9उन्‍होंने उसको अंकुश से मारा,
और कठघरे में बन्‍द कर दिया।
वे उसको बेबीलोन के राजा के पास ले गए।
उन्‍होंने उसको पिंजरे में डाल दिया
कि उसकी दहाड़
इस्राएल के पहाड़ों पर फिर कभी सुनाई न दे।
इस्राएली कौम फलवंत अंगूर लता थी
10‘ओ इस्राएली कौम, तेरी मां
मानो अंगूर-उद्यान की एक अंगूर लता थी।
वह जलाशय के तट पर लगी थी।
भरपूर पानी मिलने के कारण
वह शाखाओं और फलों से लदी थी।
11उसकी मोटी-मोटी टहनियां
राजा के राज-दण्‍ड बनने के योग्‍य थीं।
वह इतनी ऊंची थी, कि आकाश को छूने लगी।
अपनी ऊंचाई और घनी शाखाओं के कारण
वह राहगीरों को विस्‍मित करने लगी।
12किन्‍तु उसके शत्रुओं ने
क्रोध में भरकर उसको उखाड़ लिया,
और भूमि पर फेंक दिया।
पूरवी वायु ने उसको सुखा दिया।
उसके फल तोड़ लिये।
उसकी मोटी टहनियां सूख गईं,
आग में वे झोंक दी गई।#यो 15:6
13ओ इस्राएली कौम! अब तेरी अंगूर-बेल
एक निर्जन, निर्जल स्‍थल में लगाई गई।
14किन्‍तु उसकी मोटी टहनी में से आग
निकली,
जिसने उसकी शाखाओं और फल को जला
दिया।
अब अंगूर लता में
एक भी मोटी टहनी नहीं रही,
जो राजा का राज-दण्‍ड बन सके!
(यह एक शोक गीत है, और समाज में शोकगीत के रूप में प्रचलित है।)

वर्तमान में चयनित:

यहेजकेल 19: HINCLBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in