उन राष्ट्रों में तुझे आराम नहीं मिलेगा, और न पैर रखने के लिए विश्राम-स्थल! प्रभु वहाँ तुझे कांपता हुआ हृदय, धुंधली आंखें और क्षीण प्राण प्रदान करेगा। तेरा जीवन कच्चे धागे से बन्धा तेरे सामने सन्देह में लटकता रहेगा। तू रात और दिन भय से कांपता रहेगा। तुझे अपने जीवन की सुरक्षा पर भरोसा नहीं होगा। जो दृश्य तेरी आंखें देखेंगी, जो भय तेरा हृदय अनुभव करेगा, उसके कारण तू सबेरे कहेगा, “काश! सन्ध्या होती” और सन्ध्या के समय कहेगा, “काश! सबेरा होता।”
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