प्रभु दूर से, पृथ्वी के सीमान्त से, एक राष्ट्र को तेरे विरुद्ध बाज की गति के सदृश वेगपूर्वक लाएगा। तू उस राष्ट्र की भाषा नहीं समझेगा। उस राष्ट्र के लोगों के कठोर चेहरे होंगे, जो न बूढ़ों का सम्मान करेंगे, और न बच्चों पर दया। जब तक तू नष्ट नहीं हो जाएगा, तब तक वे तेरे पशुओं के बच्चों और तेरी भूमि की उपज को खाते रहेंगे। जब तक वे तुझको मिटा नहीं देंगे, तब तक वे तेरे लिए अन्न, अंगूर का रस, तेल, तेरे पालतू पशुओं और भेड़-बकरियों के बच्चे नहीं छोड़ेंगे। वे तेरे समस्त नगरों में तुझे घेर लेंगे। जिन ऊंची और मजबूत प्राचीरों पर तुझे भरोसा है, उन्हें वे समस्त देश में ढाह देंगे। जो नगर तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दिए हैं, उनमें समस्त देश में वे तुझको घेर लेंगे। उस घेराबन्दी की घोर विपत्ति में, जो तेरे शत्रु तुझ पर ढाहेंगे, तू अपनी देह के फल को, प्रभु परमेश्वर द्वारा दिए गए अपने पुत्र-पुत्रियों के मांस को खाएगा। तेरा अत्यन्त कोमल और सुकुमार पुरुष भी अपने भाई, अपनी प्राणप्रिय पत्नी और अपने बचे हुए बच्चों पर क्रूर दृष्टि डालेगा। वह उनमें से किसी को भी अपने बच्चों का मांस, जो वह खाएगा, नहीं देगा; क्योंकि उस घेराबन्दी की घोर विपत्ति में, जो तेरे शत्रु तेरे समस्त नगरों में तुझ पर ढाहेंगे, उसके पास कुछ भी भोजन-वस्तु नहीं होगी। तेरी अत्यन्त कोमल और सुकुमार स्त्री, जो अपनी कोमलता और सुकुमारता के कारण धरती पर पैर रखते हुए डरती है, अपने प्राणप्रिय पति, पुत्र और पुत्री पर क्रूर दृष्टि डालेगी। वह अपनी आंवल झिल्ली और अपने उत्पन्न किए हुए बच्चों को उनसे छिपाकर रखेगी, जिससे वह भोजन-वस्तु के अभाव में घेराबन्दी और विपत्ति के समय, जो तेरे शत्रु तेरे समस्त नगरों में तुझ पर ढाहेंगे, उनको खा सके।
‘यदि तू इस पुस्तक में लिखित व्यवस्था के सब वचनों का पालन नहीं करेगा, उनके अनुसार कार्य नहीं करेगा, और अपने प्रभु परमेश्वर के महिमामय और आतंकपूर्ण नाम से नहीं डरेगा तो प्रभु तुझ पर और तेरे वंश पर असाधारण महामारियाँ ढाहेगा। वह भयंकर और दीर्घ महामारियों से, असाध्य और दीर्घ रोगों से तुझ को पीड़ित करेगा। वह मिस्र देश के समस्त रोग, जिनसे तू डरता है, तुझ पर पुन: लगाएगा, और ये रोग तुझ से चिपके रहेंगे। इनके अतिरिक्त सब प्रकार की बीमारी, महामारी, जिसका उल्लेख व्यवस्था की इस पुस्तक में नहीं हुआ है, प्रभु तुझ पर डालेगा, जब तक तू नष्ट नहीं हो जाएगा। यद्यपि तेरे लोग आकाश के तारों के समान असंख्य हैं, पर वे मुट्ठी भर शेष रह जाएंगे, क्योंकि तूने अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी नहीं सुनी। जैसे प्रभु तेरे लोगों की भलाई करने और उनकी जनसंख्या बढ़ाने में हर्षित होता था, वैसे ही वह उनको मिटाने में, नष्ट करने में हर्षित होगा। जिस भूमि पर तू अधिकार करने जा रहा है, उस पर से तू उखाड़ दिया जाएगा। प्रभु तुझको पृथ्वी के एक सीमांत से दूसरे सीमांत तक, पृथ्वी की विभिन्न जातियों में तितर-बितर कर देगा। वहाँ तू उन पराए देवताओं की लकड़ी और पत्थर की मूर्तियों की पूजा करेगा जिन्हें न तू जानता है और न तेरे पूर्वज जानते थे। उन राष्ट्रों में तुझे आराम नहीं मिलेगा, और न पैर रखने के लिए विश्राम-स्थल! प्रभु वहाँ तुझे कांपता हुआ हृदय, धुंधली आंखें और क्षीण प्राण प्रदान करेगा। तेरा जीवन कच्चे धागे से बन्धा तेरे सामने सन्देह में लटकता रहेगा। तू रात और दिन भय से कांपता रहेगा। तुझे अपने जीवन की सुरक्षा पर भरोसा नहीं होगा। जो दृश्य तेरी आंखें देखेंगी, जो भय तेरा हृदय अनुभव करेगा, उसके कारण तू सबेरे कहेगा, “काश! सन्ध्या होती” और सन्ध्या के समय कहेगा, “काश! सबेरा होता।” प्रभु तुझ को जलयानों में मिस्र देश वापस ले जाएगा, यद्यपि मैंने कहा था कि तू फिर कभी उस मार्ग पर नहीं लौटेगा। वहाँ तू स्वयं को गुलाम स्त्री-पुरुष के रूप में अपने शत्रुओं के हाथ बेचना चाहेगा, किन्तु तुझे खरीदने वाला कोई नहीं होगा।’