व्‍यवस्‍था-विवरण 28:1-48

व्‍यवस्‍था-विवरण 28:1-48 HINCLBSI

‘परन्‍तु यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी ध्‍यानपूर्वक सुनेगा, उन समस्‍त आज्ञाओं के अनुसार कार्य करने को तत्‍पर रहेगा, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, तो तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझ को पृथ्‍वी के समस्‍त राष्‍ट्रों के मध्‍य सर्वोच्‍च स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित करेगा। यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी सुनेगा तो ये आशिषें तेरे पास आकर तुझको पकड़ लेंगी। तू नगर में आशिष प्राप्‍त करेगा। तू गांव में आशिष प्राप्‍त करेगा। तेरी देह के फल पर, तेरी भूमि की उपज पर, तेरे पालतू पशुओं और भेड़-बकरियों के बच्‍चों पर आशिष होगी। तेरी टोकरी और आटा गूंधने के पात्र पर आशिष होगी। तेरे आगमन पर आशिष होगी, तेरे प्रस्‍थान पर आशिष होगी। ‘प्रभु आक्रमण करनेवाले तेरे शत्रुओं को तेरे सम्‍मुख पराजित करेगा। वे एक ओर से तुझ पर चढ़ाई करेंगे, पर तेरे सम्‍मुख से सात ओर भागेंगे। प्रभु आशिष को आदेश देगा कि वह तेरे खत्तों और सब उद्यमों में तेरे साथ जाए। जो देश तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे दे रहा है, उसमें वह तुझे आशिष देगा। ‘यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करेगा, और उसके मार्ग पर चलेगा तो जैसी उसने तुझ से शपथ खाई है, उसके अनुसार वह तुझको अपने लिए पवित्र लोग के रूप में प्रतिष्‍ठित करेगा। पृथ्‍वी के समस्‍त लोग यह देखेंगे कि तू प्रभु के स्‍वामित्‍व और संरक्षण में है। अत: वे तुझ से डरेंगे। जिस देश को देने की शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से खाई थी, उस देश में वह तेरी देह के फल, तेरे पशुओं के बच्‍चों, और भूमि की उपज को समृद्ध करेगा। समय पर तेरे खेतों पर वर्षा करने के लिए, तेरे सब काम-धन्‍धों पर आशिष देने के लिए प्रभु आकाश के अपने उत्तम भण्‍डार-गृहों को खोल देगा। तब तू अनेक राष्‍ट्रों को ऋण देगा, पर तू स्‍वयं ऋण नहीं लेगा। प्रभु तुझ को उच्‍च आसन पर प्रतिष्‍ठित करेगा, निम्‍न स्‍थान पर नहीं। तू क्रमश: ऊंचा ही उठता जाएगा, और नीचे की ओर नहीं आएगा। किन्‍तु तुझे ये आशिषें तब प्राप्‍त होंगी जब तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं को सुनेगा, जिनका पालन करने, और जिनके अनुसार कार्य करने का आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, और जब तू दूसरे देवताओं का अनुसरण करने और उनकी पूजा करने के लिए मेरे इन वचनों से, जिनका पालन करने का आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, विमुख नहीं होगा, इनसे न दाएँ मुड़ेगा और न बाएँ। ‘परन्‍तु यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी नहीं सुनेगा, उसकी उन समस्‍त आज्ञाओं और संविधियों के अनुसार, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, कार्य करने को तत्‍पर नहीं होगा, तो ये अभिशाप तेरे पास आकर तुझ को पकड़ लेंगे। तू नगर में शापित होगा। तू गांव में शापित होगा। तेरी टोकरी और आटा गूंधने के पात्र पर अभिशाप पड़ेगा। तेरी देह के फल, तेरी भूमि की उपज, पालतू पशुओं और भेड़-बकरियों के बच्‍चों पर अभिशाप पड़ेगा। तेरे आगमन पर अभिशाप पड़ेगा, तेरे प्रस्‍थान पर अभिशाप पड़ेगा। ‘जब तक तू नष्‍ट नहीं हो जाएगा, अविलम्‍ब मिट नहीं जाएगा तब तक प्रभु तेरे बुरे कार्यों के कारण, तेरे समस्‍त उद्यमों पर अभिशाप, उलझन और विफलता भेजेगा, क्‍योंकि तूने प्रभु को छोड़ दिया है। जब तक तू उस देश से, जिस पर अधिकार करने के लिए तू वहाँ जा रहा है, पूर्णत: समाप्‍त नहीं हो जाएगा तब तक प्रभु तुझको महामारी से मारता रहेगा। प्रभु तुझको क्षय, ज्‍वर, जलन, ताप, अकाल, फफूंदी और पूर्वी वायु के झोंकों से मारेगा। जब तक तू मिट नहीं जाएगा तब तक ये तेरा पीछा करते रहेंगे। तेरे सिर के ऊपर का आकाश पीतल जैसा सख्‍त हो जाएगा। तेरे पैरों के नीचे की भूमि लोहा जैसे कठोर बन जाएगी। न आकाश से वर्षा होगी और न भूमि पर उपज। प्रभु तेरे देश पर होने वाली वर्षा को धूल और रेत-कण में बदल देगा। जब तक तू नष्‍ट नहीं हो जाएगा तब तक वह आकाश से तुझ पर बरसती रहेगी। ‘प्रभु तेरे शत्रुओं के द्वारा तुझको पराजित करेगा। तू एक ओर से उन पर चढ़ाई करेगा, पर उनके सम्‍मुख से सात ओर भागेगा। तू पृथ्‍वी के समस्‍त राज्‍यों के लिए वीभत्‍स हौआ बन जाएगा। तेरी लोथ आकाश के पक्षियों और भूमि के जंगली पशुओं का आहार बनेगी। उनको डराकर भगानेवाला कोई न होगा। प्रभु तुझ को मिस्री फोड़ों से, बवासीर, दाद और खुजली से ऐसा पीड़ित करेगा कि तू उनसे स्‍वस्‍थ नहीं हो सकेगा। प्रभु तुझ पर पागलपन, अन्‍धापन और मति-भ्रम भेजेगा। जैसे अन्‍धा व्यक्‍ति अन्‍धकार में टटोलता है वैसे तू दोपहर में टटोलेगा। तू अपने किसी काम में सफल नहीं होगा। अन्‍य राष्‍ट्र तुझ पर निरन्‍तर दमन करते और तुझको लूटते रहेंगे। तुझको बचानेवाला कोई न होगा। तू कुंआरी कन्‍या से सगाई करेगा, पर दूसरा व्यक्‍ति उससे विवाह करेगा। तू मकान बनाएगा, पर स्‍वयं उसमें निवास नहीं कर सकेगा। तू अंगूर का उद्यान लगाएगा, पर उसके फलों का आनन्‍द नहीं ले पाएगा। तेरी आंखों के सामने तेरा बैल काटा जाएगा, पर तू उसका मांस नहीं खा सकेगा। तेरे सम्‍मुख से तेरा गधा लूट लिया जाएगा, और तुझे नहीं लौटाया जाएगा। तेरी भेड़ तेरे शत्रुओं को दे दी जाएगी। तुझको बचानेवाला कोई न होगा। तेरे पुत्र और पुत्रियाँ दूसरी जाति के हाथ में सौंप दिए जाएंगे। तेरी आंखें दिन भर उनकी प्रतीक्षा करते-करते थक जाएंगी। उनको रोकने की शक्‍ति तेरे हाथ में नहीं होगी। ऐसे लोग जिन्‍हें तू नहीं जानता है, तेरी भूमि की उपज, तेरे परिश्रम का फल खाएँगे। तुझ पर निरन्‍तर दमन होता रहेगा, तू कुचला जाता रहेगा। जो विनाश तेरी आंखें देखेंगी, उससे तू पागल हो जाएगा। प्रभु तेरे पैर के तलवे से सिर की चोटी तक, घुटनों और पैरों में कष्‍टदायक फोड़ों से तुझको पीड़ित करेगा, जिनसे तू स्‍वस्‍थ नहीं हो सकेगा। ‘प्रभु तुझ को और तेरे राजा को, जिसे तूने अपने ऊपर प्रतिष्‍ठित किया है, ऐसे देश में ले जाएगा, जिसको न तू जानता है और न तेरे पूर्वज जानते थे। वहाँ तू पराए देवताओं की, लकड़ी और पत्‍थर की मूर्तियों की पूजा करेगा। जहाँ प्रभु तुझे ले जाएगा, वहाँ के लोगों के मध्‍य तू हौआ, कहावत, और लोकोिक्‍त बन जाएगा। तू खेत में बहुत बीज बोएगा, किन्‍तु थोड़ी फसल ही एकत्र कर पाएगा, क्‍योंकि टिड्डियाँ उसको चट कर जाएंगी। तू अंगूर के उद्यान लगाएगा, उनमें परिश्रम करेगा, पर न तू अंगूर-रस पी सकेगा, और न अंगूर के फल एकत्र कर सकेगा, क्‍योंकि कीड़ा उनको खा जाएगा। तू अपनी राज्‍य-सीमा के भीतर जैतून के पेड़ लगाएगा, पर जैतून के तेल का उपयोग नहीं कर पाएगा क्‍योंकि वे झड़ जाएंगे। तू पुत्र और पुत्रियाँ उत्‍पन्न करेगा, किन्‍तु वे तेरे नहीं रहेंगे, क्‍योंकि वे युद्ध में बन्‍दी बनकर चले जाएंगे। तेरे सब वृक्षों और भूमि की उपज पर कीड़े-मकोड़े लग जाएंगे। तेरे मध्‍य रहनेवाला प्रवासी तुझ से अधिक ऊंचा उठता जाएगा और तू गिरता जाएगा। तू उसको उधार नहीं देगा, वरन् वह तुझको उधार देगा। वह उच्‍च आसन पर प्रतिष्‍ठित होगा, और तू निम्‍न स्‍थान पर! जब तक तू नष्‍ट नहीं हो जाएगा, तब तक ये अभिशाप तुझ पर आकर तेरा पीछा करेंगे, तुझे पकड़े रहेंगे, क्‍योंकि तूने अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी नहीं सुनी, उसकी आज्ञाओं और संविधियों का पालन नहीं किया, जिनका उसने तुझे आदेश दिया था। ये अभिशाप चेतावनी-चिह्‍न तथा आश्‍चर्यपूर्ण कार्य के रूप में तेरे और तेरे वंश पर सदा रहेंगे। ‘आशिषों की प्रचुरता होने पर भी तूने आनन्‍दपूर्वक और भले हृदय से अपने प्रभु परमेश्‍वर की सेवा नहीं की। इसलिए तू भूखा, प्‍यासा, नंगा रहकर, हर प्रकार के अभाव में अपने शत्रुओं की सेवा करेगा, जिन्‍हें प्रभु तेरे विरुद्ध भेजेगा। जब तक वह तुझे नष्‍ट नहीं कर देगा, तब तक तेरी गर्दन पर लोहे का जुआ रखा रहेगा।