प्रेरितों 2:21-39

प्रेरितों 2:21-39 HINCLBSI

तब जो कोई प्रभु के नाम की दुहाई देगा, वह उद्धार पाएगा।’ इस्राएली भाइयो! मेरी बातें ध्‍यान से सुनिए! आप लोग स्‍वयं जानते हैं कि परमेश्‍वर ने येशु नासरी के द्वारा आप लोगों के बीच कितने सामर्थ्य एवं आश्‍चर्य के कार्य किए तथा चिह्‍न दिखाये हैं। इस से यह प्रमाणित हुआ कि येशु परमेश्‍वर की ओर से आप लोगों के पास भेजे गये थे। वह परमेश्‍वर की निश्‍चित योजना तथा पूर्वज्ञान के अनुसार पकड़वाये गये और आप लोगों ने विधर्मियों के हाथों उन्‍हें क्रूस पर चढ़ाया और मार डाला है। किन्‍तु परमेश्‍वर ने मृत्‍यु-पीड़ा के बन्‍धन खोल कर उन्‍हें पुनर्जीवित किया। यह असम्‍भव था कि वह मृत्‍यु के वश में रहें, क्‍योंकि उनके विषय में दाऊद यह कहते हैं : ‘प्रभु सदा मेरी आँखों के सामने रहता है। वह मेरी दाहिनी ओर विराजमान है, जिससे मैं विचलित न होऊं। इसलिए मेरा हृदय आनन्‍दित है, मेरी जिह्‍वा प्रफुल्‍लित है और मेरा शरीर आशा में विश्राम करेगा; क्‍योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में नहीं छोड़ेगा, तू अपने पवित्रजन को कबर में गलने नहीं देगा। तूने मुझे जीवन का मार्ग दिखाया है। तू अपने मुख के दर्शन द्वारा मुझे आनन्‍द-विभोर करेगा।’ भाइयो! मैं कुलपति दाऊद के विषय में आप लोगों से निस्‍संकोच यह कह सकता हूँ कि वह मर गये और कबर में रखे गये। उनकी कबर आज तक हमारे बीच विद्यमान है। राजा दाऊद नबी थे। वह जानते थे कि परमेश्‍वर ने शपथ खा कर उन से यह कहा था कि ‘मैं तुम्‍हारे वंशजों में एक व्यक्‍ति को तुम्‍हारे सिंहासन पर बैठाऊंगा।’ इसलिए उन्‍होंने मसीह के पुनरुत्‍थान के विषय में पहले से ही जानकर कहा कि वह अधोलोक में नहीं छोड़े गये और उनका शरीर गलने नहीं दिया गया। परमेश्‍वर ने इन्‍हीं येशु को पुनर्जीवित किया है। हम सब इस बात के साक्षी हैं। अब वह परमेश्‍वर के दाहिने हाथ से उन्नत हुए और उन्‍हें पिता से पवित्र आत्‍मा प्राप्‍त हुआ, जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी। उन्‍होंने उसे उंडेल दिया, जैसा कि आप देख और सुन रहे हैं। दाऊद स्‍वर्ग पर नहीं चढ़े, किन्‍तु वह स्‍वयं कहते हैं : ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, तुम तब तक मेरे दाहिने बैठे रहो, जब तक मैं तुम्‍हारे शत्रुओं को तुम्‍हारे चरणों की चौकी न बना दूँ।’ “इस्राएल का सारा घराना यह निश्‍चित रूप से जान ले कि जिन्‍हें आप लोगों ने क्रूस पर चढ़ाया, परमेश्‍वर ने उन्‍हीं येशु को प्रभु और मसीह दोनों बना दिया है।” यह सुनकर वे मर्माहत हो गये और उन्‍होंने पतरस तथा अन्‍य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो! हमें क्‍या करना चाहिए?” पतरस ने उन्‍हें यह उत्तर दिया, “आप लोग पश्‍चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येशु मसीह के नाम से बपतिस्‍मा ले। इस प्रकार आप पवित्र आत्‍मा का वरदान प्राप्‍त करेंगे; क्‍योंकि वह प्रतिज्ञा आपके तथा आपकी सन्‍तान के लिए है, और उन सब के लिए, जो अभी दूर हैं और जिन्‍हें हमारा प्रभु परमेश्‍वर अपने पास बुला रहा है।”