2 राजा 1
1
अहज्याह की मृत्यु
1राजा अहाब की मृत्यु के पश्चात् मोआब जाति ने इस्राएली राज्य के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।#2 रा 3:5
2एक दिन अहाब का पुत्र राजा अहज्याह सामरी नगर में अपने उपरले कक्ष की जालीदार खिड़की से नीचे गिर गया। वह गम्भीर रूप से घायल हो गया। उसने दूत भेजे। उसने उन्हें यह आदेश दिया, ‘जाओ, और एक्रोन नगर-राज्य के देवता बअल-जबूल#1:2 अथवा, “बअल-जबूब” से यह पूछो : क्या मैं अपनी इस बीमारी से बचूंगा अथवा नहीं?’
3प्रभु का दूत तिश्बे नगर के नबी एलियाह से बोला, ‘उठ, और सामरी राजा के दूतों से मिलने के लिए जा। तू उनसे यह कहना : “क्या इस्राएली राष्ट्र का अपना परमेश्वर नहीं है जो तुम एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास पूछने के लिए जा रहे हो? 4इसलिए प्रभु तुम्हारे महाराज से यों कहता है: जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहां से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्चय ही मरेगा!” ’ अत: एलियाह गए।
5दूत राजा के पास लौटे। राजा ने उनसे कहा, ‘यह क्या? तुम लौट आए?’ 6दूतों ने राजा को बताया, ‘एक मनुष्य हमसे मिलने के लिए आया। उसने हमसे यह कहा, “जाओ, महाराज के पास लौटो, जिन्होंने तुम्हें भेजा है। तुम उनसे यह कहना, ‘प्रभु यों कहता है : क्या इस्राएली राष्ट्र का अपना परमेश्वर नहीं है जो तू एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास पूछने के लिए दूतों को भेज रहा है? इसलिए जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहां से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्चय ही मरेगा।’ ” ’ 7राजा ने उनसे पूछा, ‘जो मनुष्य तुमसे मिलने के लिए आया था, और जिसने तुमसे ये बातें कहीं, वह कैसा था?’ 8उन्होंने राजा को उत्तर दिया, ‘वह रोएंदार वस्त्र पहिने हुए था। उसकी कमर में चमड़े का पटुका बन्धा था।’ राजा ने कहा, ‘निस्सन्देह, वह तिश्बे नगर का एलियाह था।’ #जक 13:4; मत 3:4
9राजा ने एलियाह के पास पचास सैनिकों तथा उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उस समय एलियाह पहाड़ की चोटी पर बैठे हुए थे। सेना-नायक ने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्वर के जन! महाराज ने यह कहा है: “नीचे उतरो!” ’ 10परन्तु एलियाह ने सेना-नायक को यह उत्तर दिया, ‘यदि मैं परमेश्वर का जन हूं, तो आकाश से आग बरसे और तुझे तथा तेरे पचास सैनिकों को भस्म कर दे!’ तत्काल आकाश से आग बरसने लगी और आग ने सेना-नायक और उसके पचास सैनिकों को भस्म कर दिया।#लू 9:54; प्रक 11:5; 20:9
11राजा ने एलियाह के पास पुन: पचास सैनिकों और उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उसने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्वर के जन! महाराज यों कहते हैं : “अविलम्ब नीचे उतरो!” ’ 12परन्तु एलियाह ने सेना-नायक को यह उत्तर दिया, ‘यदि मैं परमेश्वर का जन हूं तो आकाश से आग बरसे और तुझे तथा तेरे पचास सैनिकों को भस्म कर दे!’ तत्काल आकाश से परमेश्वर की आग बरसने लगी और आग ने सेना-नायक और पचास सैनिकों को भस्म कर दिया।
13राजा ने एलियाह के पास पुन: पचास सैनिकों के तीसरे दल को तथा उनके सेना-नायक को भेजा। तीसरा सेना-नायक पहाड़ पर चढ़ा। वह एलियाह के समीप आया। उसने एलियाह के सम्मुख घुटने टेके, और उनसे यह निवेदन किया, “हे परमेश्वर के जन! कृपाकर, मेरे प्राण को और अपने पचास सेवकों के प्राण को अपनी दृष्टि में तुच्छ मत समझिए। 14देखिए, आकाश से आग बरसी थी। उसने दो सेना-नायकों और उनके पचास-पचास सैनिकों के दल को भस्म कर दिया था। अब, कृपाकर, मेरे प्राण को अपनी दृष्टि में तुच्छ मत समझिए।’ 15तब प्रभु के दूत ने एलियाह से कहा, ‘सेना-नायक के साथ नीचे उतर। उससे मत डर।’ अत: एलियाह उठे। वह सेना-नायक के साथ नीचे उतरे, और राजा के पास गए। 16उन्होंने राजा को बताया, ‘प्रभु यों कहता है: क्या प्रभु का वचन पूछने के लिए इस्राएली राष्ट्र का अपना परमेश्वर नहीं है, जो तूने एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास दूतों को भेजा? इसलिए जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहाँ से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्चय ही मरेगा।” ’
17यों प्रभु के वचन के अनुसार, जैसा एलियाह ने कहा था, राजा अहज्याह की मृत्यु हो गई। अहज्याह के कोई पुत्र नहीं था। इसलिए उसके स्थान पर उसका भाई यहोराम#1:17 अथवा, ‘योराम’ राज्य करने लगा। वह यहूदा प्रदेश के राजा योराम#1:17 अथवा, ‘यहोराम’ के राज्यकाल के दूसरे वर्ष में सिंहासन पर बैठा था। योराम यहोशाफट का पुत्र था।
18अहज्याह के शेष कार्यों का विवरण ‘इस्राएल प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्थ’ में लिखा हुआ है।
वर्तमान में चयनित:
2 राजा 1: HINCLBSI
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.