2 कुरिन्थियों 1:3-11

2 कुरिन्थियों 1:3-11 HINCLBSI

धन्‍य है परमेश्‍वर, हमारे प्रभु येशु मसीह का पिता, परमदयालु पिता और हर प्रकार की सान्‍त्‍वना का परमेश्‍वर! वह सब कष्‍टों में हमें सान्‍त्‍वना देता रहता है, जिससे परमेश्‍वर की ओर से हमें जो सान्‍त्‍वना मिलती है, उसी के द्वारा हम दूसरों को भी, उनके हर प्रकार के कष्‍ट में सान्‍त्‍वना देने के लिए, समर्थ हो जायें; क्‍योंकि जिस प्रकार हम प्रचुर मात्रा में मसीह के दु:खभोग के सहभागी हैं, उसी प्रकार मसीह द्वारा हम को प्रचुर मात्रा में सान्‍त्‍वना भी मिलती है। यदि हमें क्‍लेश है, तो आप लोगों की सान्‍त्‍वना और मुक्‍ति के लिए, और यदि हमें सान्‍त्‍वना मिलती है, तो इसलिए कि हम आप लोगों को सान्‍त्‍वना दे सकें, जिससे आप धैर्य के साथ वह दु:ख सहने में समर्थ हों, जो हम भी भोगते हैं। आप लोगों के विषय में हमारी आशा सुदृढ़ है; क्‍योंकि हम जानते हैं कि जिस प्रकार आप हमारे दु:ख में सहभागी हैं, उसी प्रकार आप हमारी सान्‍त्‍वना में भी सहभागी होंगे। भाइयो और बहिनो! हम आप लोगों से यह नहीं छिपाना चाहते कि आसिया में जो कष्‍ट हमें सहना पड़ा, वह बहुत ही भारी और हमारी सहनशक्‍ति के परे था-यहां तक कि हमने जीवित रहने की आशा भी छोड़ दी थी और हम यह समझ रहे थे कि हमें प्राणदण्‍ड मिल चुका है। यह इसलिए हुआ कि हम अपने पर नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर पर भरोसा रखें, जो मृतकों को पुनर्जीवित करता है। उसने हमें उस महान् मरण-संकट से बचाया और वह ऐसा ही करता रहेगा। उसी पर हमारी यह आशा आधारित है कि वह भविष्‍य में भी हमें बचायेगा। आप लोग भी प्रार्थना द्वारा हमारी सहायता करें। इस प्रकार बहुत-सी प्रार्थनाओं के कारण हमें आशिष मिलेगी और उसके लिए बहुत-से लोग हमारी ओर से परमेश्‍वर को धन्‍यवाद भी देंगे।

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