2 इतिहास 28:1-6

2 इतिहास 28:1-6 HINCLBSI

जब आहाज ने राज्‍य करना आरम्‍भ किया तब वह बीस वर्ष का था। उसने सोलह वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्‍य किया। उसने अपने पूर्वज दाऊद के आचरण का अनुसरण नहीं किया। उसने वे कार्य नहीं किये जो प्रभु की दृष्‍टि में उचित हैं। वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। उसने बअल देवता की मूर्तियाँ भी बनाईं। जिन जातियों को प्रभु ने इस्राएली लोगों को बसाने के लिए कनान देश से निकाल दिया था, उनकी घृणित प्रथा के अनुसार वह हिन्नोम की घाटी में सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाता था, और उसने अपने पुत्रों को अग्‍नि में बलि के रूप में भी चढ़ाया। वह पहाड़ी शिखर की वेदियों पर, पहाड़ियों पर तथा प्रत्‍येक हरे वृक्ष के नीचे पशु-बलि चढ़ाता और सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाता था। अत: आहाज के प्रभु परमेश्‍वर ने उसको सीरिया के राजा के हाथ में सौंप दिया। सीरिया के राजा ने उसको पराजित कर दिया, और उसके राज्‍य के हजारों निवासियों को बन्‍दी बनाकर राजधानी दमिश्‍क में ले गया। प्रभु परमेश्‍वर ने उसको इस्राएल प्रदेश के राजा के हाथ में भी सौंप दिया, जिसने उसकी सेना का महासंहार किया, और उसको परास्‍त कर दिया। इस्राएल प्रदेश के राजा पेकह बेन-रमलयाह ने यहूदा प्रदेश में एक दिन में ही एक लाख बीस हजार सैनिकों का वध कर दिया। ये सब सशक्‍त योद्धा थे। इन्‍होंने अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर को त्‍याग दिया था, इसलिए ये मौत के घाट उतार दिये गए।