2 इतिहास 22
22
अहज्याह का राज्य
1राजा योराम की मृत्यु के बाद यरूशलेम के निवासियों ने उसके स्थान पर उसके सबसे छोटे पुत्र अहज्याह को राजा बनाया; क्योंकि राजा योराम के बड़े पुत्रों का वध उस दल ने कर दिया, जो अरबी सैनिकों के साथ शिविर में घुस आया था। यों अहज्याह बेन-योराम यहूदा प्रदेश पर राज्य करने लगा।#2 रा 8:24-29 2जब उसने राज्य करना आरम्भ किया तब वह बाईस#22:2 मूल में ‘बयालीस’। वर्ष का था। उसने राजधानी यरूशलेम में केवल एक वर्ष तक राज्य किया। उसकी मां का नाम अतल्याह था। वह इस्राएल प्रदेश के राजा ओम्री की पोती थी। 3जैसा अहाब के राज-परिवार ने किया था, वैसा ही अहज्याह ने भी किया। वह अहाब के राज-परिवार के मार्ग पर चला; क्योंकि उसको परामर्श देने वाली उसकी मां थी। अपनी मां के कारण ही उसने दुराचरण किया। 4जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसने वही किया। उसके पिता के मरने के बाद अहाब के राज-परिवार के लोग ही उसको सलाह देते थे। अत: उसका पतन हो गया। 5यहां तक कि उनके परामर्श के अनुसार वह इस्राएल प्रदेश के राजा यहोराम बेन-अहाब के साथ सीरिया देश के राजा हजाएल से युद्ध करने रामोत-गिलआद नगर को गया। वहां सीरियाई सैनिकों ने यहोराम को घायल कर दिया। 6राजा यहोराम घावों की मरहमपट्टी करवाने के लिए यिज्रएल नगर को लौटा। ये घाव उसको सीरिया के राजा हजाएल से, युद्ध करते समय रामोत-गिलआद में लगे थे। वह गम्भीर रूप से घायल था। अत: यहूदा प्रदेश का राजा अहज्याह बेन-योराम उसको देखने के लिए यिज्रएल नगर गया।
7परमेश्वर यह निश्चित कर चुका था कि जब अहज्याह इस्राएल प्रदेश के राजा यहोराम के पास आएगा, तब उसका यह आगमन उसके पतन का कारण बनेगा। प्रभु ने येहू बेन-निम्शी को अहाब के राज-परिवार का वध करने के लिए अभिषिक्त किया था। अहज्याह वहां आया। वह यहोराम के साथ येहू से मिलने गया।#2 रा 9:1—10:36 8जब येहू प्रभु के आदेश के अनुसार अहाब के राज-परिवार को दण्ड दे रहा था, तब उसको यहूदा प्रदेश के उच्चाधिकारी तथा अहज्याह के भाइयों के पुत्र मिले, जो राजा अहज्याह की सेवा-टहल करते थे। येहू ने उनका वध कर दिया। 9तब येहू ने अहज्याह की तलाश की। अहज्याह सामरी नगर में छिपा हुआ था। सैनिकों ने उसको पकड़ लिया। वह येहू के सामने पेश किया गया। येहू ने उसका वध करवा दिया। सेवकों ने उसका शव सम्मान के साथ गाड़ा, क्योंकि वे कहते थे, ‘यह यहोशाफट का नाती है, जिसने सम्पूर्ण हृदय से प्रभु को खोजा था।’ अहज्याह के परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो राज्य कर सके।
राजमाता अतल्याह का सिंहासन पर बैठना
10जब अहज्याह की माता अतल्याह ने देखा कि उसके पुत्र की हत्या कर दी गई, तब वह उठी, और उसने यहूदा के राज-परिवार के सब सदस्यों का संहार कर दिया।#2 रा 11:1-20 11किन्तु राजा योराम की पुत्री यहोशाबा ने अहज्याह के पुत्र योआश का अन्य राजकुमारों के मध्य से, जिनकी हत्या की जाने वाली थी, अपहरण कर लिया। उसने योआश और उसकी धाय को शयनागार में छिपा दिया। यों यहोशाबा ने अतल्याह की दृष्टि से योआश को छिपा दिया, और अतल्याह उसका वध न कर सकी। यहोशाबा राजा योराम की पुत्री, पुरोहित यहोयादा की पत्नी और राजा अहज्याह की बहिन थी। 12योआश परमेश्वर के भवन में अपने लोगों के यहां छ: वर्ष तक छिपा रहा। इस अवधि में अतल्याह यहूदा प्रदेश पर राज्य करती रही।
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